अब इस सीनियर नेता ने दिया इस्तीफा, अकाली दल को एक और झटका

फिरोजपुर
अकाली दल के पंजाब उप प्रधान एवं जिला फिरोजपुर के सीनियर अकाली नेता सरदार महेंद्र सिंह विरक शिरोमणि आकाली दल (बादल ) की मुढली मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया है और कहा कि कोई समय था जब शिरोमणि अकाली दल सिख धर्म की पैरवी करते हुए सिखों के पक्ष में फैसला लेता था मगर अब पिछले कुछ दिनों से सिख धर्म की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों को परेशान किया जा रहा है । महेंद्र सिंह विर्क ने कहा कि अकाली दल की इस धार्मिक दखलअंदाजी के कारण बहुत सिख पहले ही अकाली दल से दूरी बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने त्यागपत्र दिया था तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अगजेक्टिव मेंबरों से जबरदस्ती श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह और जत्थेदार सुल्तान सिंह को भी जबरदस्ती पीछे कर दिया गया था जिससे उनके मन को बहुत ठेस पहुंची है । अकाली लीडर विरक ने कहा कि कुछ दिनों से अकाली दल के सीनियर नेताओं द्वारा जत्थेदारों के खिलाफ जो बेतूकी दुशनबाजी की जा रही है उससे सिख समुदाय को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है और उनके दिलों को ठेस पहुंच रही है।

महेंद्र सिंह विर्क ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और शिरोमणि अकाली दल ही सिख समुदाय का नाम रोशन करने वाली संस्था और पार्टी थी, मगर अकाली दल के सीनियर नेताओं द्वारा सियासी लाभ लेने के लिए सिख संस्थाओं के प्रमुखों को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया है जिसकी सिख कौम द्वारा भरपूर निंदा की जा रही है ।

सरदार विर्क ने कहा कि इसी कारण ही उन्होंने शिरोमणि अकाली दल की मुढली मेंबरशिप से त्यागपत्र देने का अहम फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि महेंद्र सिंह विरक फिरोजपुर और आसपास के एरिया में अच्छी पकड़ वाले अकाली नेता है और उनका क्षेत्र में अच्छा आधार है। उनके त्यागपत्र से अकाली दल को बड़ा नुकसान हो सकता है । पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए महेंद्र सिंह विरक ने कहा कि वह एक सच्चे सिख के तौर पर श्री अकाल तख्त साहब को समर्पित हैं और अकाल तख्त साहब से जारी हर हुकुमनामे को मानने के लिए वचनबद्ध हैं ।

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