जयपुर
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बीते दिनों प्रदेश के कई हिस्सों में तेज आंधी, तूफान और मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण जयपुर समेत कई जिलों में फसलें बर्बाद हो गई हैं। वर्तमान में प्रदेश में रबी फसलों की कटाई का सीजन चल रहा है, खासकर गेहूं और चने की कटाई शुरू हो चुकी है। लेकिन अचानक बदले मौसम ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसलें बिछ गईं, जिससे उत्पादन पर गंभीर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
प्रभावित इलाकों का निरीक्षण
जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी के निर्देश पर राजस्व अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने खेतों में जाकर ओलावृष्टि, बारिश और तेज हवाओं से हुई क्षति का निरीक्षण किया। स्वयं जिला कलक्टर भी रामपुरा, सोनकोटड़ा, डागरवाड़ा सहित अन्य प्रभावित तहसीलों में पहुंचे और किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं।
किसानों को मिलेगी मदद
कलेक्टर डॉ. सोनी ने फसल बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर प्रभावित किसानों को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को भी इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं ताकि किसानों को समय पर राहत मिल सके। इसके अलावा, किसानों को टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराने की जानकारी भी दी गई, जिससे वे अपनी समस्याएं सीधे संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा सकें।
सरकार से राहत की उम्मीद
क्षेत्रीय किसान सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे हैं। प्रशासन द्वारा तैयार की जा रही रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे बारिश के पानी की निकासी का प्रबंध करें और प्रभावित फसलों की स्थिति का आंकलन कर बीमा कंपनियों से शीघ्र संपर्क करें। प्रशासन भी हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है। प्रदेश में मौसम के इस बदले मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में प्रशासन और सरकार की त्वरित कार्यवाही ही किसानों को इस संकट से उबारने में मदद कर सकती है।