अमृतसर
मुख्यमंत्री दफ्तर के निर्देशानुसार डिप्टी कमिशनर साक्षी साहनी ने फिर से तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को रजिस्ट्रियों के इंतकाल आदि करने के आदेश जारी कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार सरकार के खिलाफ हड़ताल के दौरान जब तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व सब-रजिस्ट्रारों ने रजिस्ट्रियों का काम बंद कर दिया था तो उसके बाद से रजिस्ट्रियों का काम तो कानूनगोओं को सौप दिया गया, लेकिन रजिस्ट्रियों के इंतकाल का काम किसने करना है इसके बारे में सरकार की तरफ से स्पष्ट नहीं किया जा रहा था। हालांकि आधिकारिक रुप से तहसीलदारों व अन्य अधिकारियों से इंतकाल करने के अधिकार छीने नहीं गए थे। पिछले एक सप्ताह से जिले के सभी रजिस्ट्री दफ्तरों व तहसीलों सब-तहसीलों में हजारों की संख्या में रजिस्ट्रियों के इंतकाल पेंडिंग हो गए थे। फिलहाल सरकार माल विभाग के अधिकारियों के पक्ष में थोड़ी उतरी है।
सेवा केन्द्रों में रजिस्ट्रियों का काम लाने की तैयारी शुरू
सरकार की तरफ से जारी एक आदेश के अनुसार रजिस्ट्रियों का काम सेवा केन्द्रों में लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बकायदा इसके लिए वीडियो काल के जरिए सदर सेवा केन्द्र में कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी शुरु कर दी गई है, हालांकि सरकार का यह कदम राजस्व विभाग के प्राइवेटाइजेशन की तरफ भी इशारा करता है। सेवा केन्द्र के कर्मचारियों को दो घंटे ट्रेनिंग दी गई। सेवा केन्द्रों में रजिस्ट्रियों का काम शुरू होने से आम जनता नागरिक सेवा पोर्टल के जरिए घर बैठे सेवा केन्द्रों के जरिए माल विभाग के सभी दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे जिसमें डोर स्टैप डिलीवरी की सुविधा भी मिलेगी।
पहली बार सेवा केन्द्रों में शुरू होगी सेवा
वैसे तो समय समय की सरकारों की तरफ से रजिस्ट्री दफ्तरों व तहसीलों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए प्रशासनिक सुधार किए जाते रहे हैं। पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दस वर्ष के कार्यकाल के दौरान वातानुकूलित तहसीलों व रजिस्ट्री दफ्तरों का निर्माण कर दिया गया। रजिस्ट्रियों पर बेचने वाले व खरीदार के नाम लिखने व मोबाइल नंबर भी लिखना शुरु किया गया। इसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट सिस्टम शुरू कर दिया गया, लेकिन पहली बार आप सरकार के कार्यकाल में सेवा केन्द्रों में रजिस्ट्रियों का काम शुरू किया जा रहा है।
वसीका नवीसों व ड्राफ्टिंग करने वाले वकीलों को बेरोजगार का भय
सरकार की तरफ से सेवा केन्द्रों में रजिस्ट्रियों का काम लाने के फैसले का भारी विरोध होने जा रहा है। जिला अमृतसर की बात करें तो पता चलता है कि लगभग 485 के करीब वसीका नवीस उनके साथ हैल्पर, रजिस्ट्री लिखने वाले कर्मचारी, कंप्यूटर पर काम करने वाले कर्मचारी, दर्जनों की संख्या में रजिस्ट्रियों की ड्राफ्टिंग करने वाले वकील आदि को बेरोजगार होने का भय सताने लगा है और सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश स्तर पर संघर्ष करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। वैसे भी एक बने बनाए सिस्टम को बंद करके प्राइवेटाइजेशन करना किसी को भी उचित नहीं लग रहा है।
70-70 वर्षों से काम करने वाले वसीका नवीसों को बेरोजगार न करे सरकार
वसीका नवीस यूनियन के जिला प्रधान नरेश शर्मा ने कहा कि जिला अमृतसर में लगभग 500 के करीब वसीका नवीस काम करते हैं जिनके साथ सैकड़ों की संख्या में अन्य कर्मचारी काम करते हैं। इसके अलावा सैकड़ों वकील भी हैं, जो रजिस्ट्रियों की ड्रॉफ्टिंग करने का काम करते हैं। वसीका नवीस 70-70 वर्षों से काम कर रहे हैं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक यही काम कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को कोई भी फैसला लेने से पहले हजारों लोगों के रोजगार के बारे में जरूर सोचना चाहिए अन्यथा संघर्ष की राह अपन