मुंबई
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को मुंबई की फैमिली कोर्ट को आदेश दिया है कि वह क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक पर कल (20 मार्च) फैसला करे। धनश्री की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने छह महीने के कूलिंग ऑफ पीरियड को माफ करने की मांग की थी। साथ ही, यह भी सामने आया है कि चहल को तलाक के लिए पत्नी धनश्री वर्मा को गुजारा भत्ता (एलिमनी) के रूप में 4.75 करोड़ रुपये देने होंगे। इसमें से चहल ने धनश्री को 2.37 करोड़ रुपये का भुगतान कर भी दिया है। बची हुई रकम तलाक के बाद देनी होगी। मालूम हो कि अफवाह थी कि चहल ने धनश्री को 60 करोड़ की एलिमनी दी है, लेकिन बाद में यह सब झूठ निकला। धनश्री के परिवार ने भी इससे इनकार किया था।
धनश्री और चहल लंबे समय से एक-दूसरे के साथ नहीं रह रहे हैं और फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए मामला चल रहा है। बार एंड बेंच के अनुसार, हाई कोर्ट के जज जस्टिस माधव जामदार ने आदेश दिया कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को ध्यान में चहल के खेलने को ध्यान में रखते हुए फैमिली कोर्ट को कल तक तलाक की याचिका पर फैसला लेना होगा। हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 बी के तहत तलाक के लिए छह महीने का कूलिंग ऑफ पीरियड दिया जाता है। इसी अवधि को धनश्री वर्मा ने माफ करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिससे तलाक पर जल्दी फैसला हो सके। धनश्री और चहल पिछले ढाई सालों से अलग रह रहे हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया।
साल 2017 में एक केस के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को माना था कि अगर पति पत्नी के बीच विवाद का निपटारा करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है तो छह महीने की अवधि को माफ भी किया जा सकता है। चहल टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर और लेग स्पिनर हैं, जबकि धनश्री सोशल मीडिया की जानी-मानी इंफ्लुएंसर हैं। दोनों ने दिसंबर 2020 में शादी कर ली थी, लेकिन फिर जून 2022 के बाद अलग रहने लगे थे। इसके बाद यह मामला तलाक के लिए मुंबई की फैमिली कोर्ट में चला गया था। पिछले दिनों सुनवाई के लिए चहल और धनश्री कोर्ट भी पहुंचे थे। दोनों ने फैमिली कोर्ट से छह महीने के कूलिंग पीरियड की अवधि से छूट देने की मांग की थी, लेकिन 20 फरवरी को कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया था, जिससे चहल और धनश्री को झटका लगा था।