ग्वालियर
ग्वायिलर के सिरोल स्थित कोस्मो आनंदा टाउनशिप से मंगलवार दोपहर जिस चार वर्षीय बालक का अपहरण हुआ था। 33 घंटे बाद उसकी लाश टाउनशिप के ही पिछले हिस्से में ढाई फीट गहरे गड्ढे में मिली।हत्या करने वाली 12 वर्षीय बालिका है, जो उसे अपने साथ बेर तोड़ने के बहाने ले गई थी। बालिका ने मंगलवार दोपहर में ही करीब एक बजे मासूम का पहले गला दबाया फिर मुंह के बल उसे गड्ढे में गिराया। इसके बाद भारी पत्थर पटक दिया। लाश को छिपाने के लिए ऊपर से और पत्थर पटक दिए।
हत्या का कारण साफ नहीं
हत्या क्यों की, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने कहा कि उसे उन बच्चों को देखकर गुस्सा आता है, जो उसकी बात नहीं मानते। पुलिस बाल अपचारी बालिका की काउंसलिंग भी कराएगी, जिससे हत्या की असल वजह सामने आ सके।
बच्चे की लाश मिलने पर परिवार आक्रोशित हुआ
यूनिवर्सिटी थाना पुलिस ने बालिका को हिरासत में लिया है। बालिका के माता-पिता से भी पूछताछ चल रही है। बच्चे की लाश मिलने के बाद परिवार आक्रोशित हो गया। इसके चलते चार थानों की फोर्स कास्मो आनंदा टाउनशिप में लगाई गई।
एसएसपी धर्मवीर सिंह, एएसपी कृष्ण लालचंदानी, डीएसपी हिना खान सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। मासूम बच्चे के पिता पत्नी व चार बच्चों के साथ दो माह पहले ही ग्वालियर आए थे। सिरोल क्षेत्र में फूटी बैरक में रहते थे।
कास्मो आनंदा टाउनशिप में नगरीय प्रशासन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर सविता प्रधान के भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां रामकुमार और पत्नी काम करते हैं। मंगलवार को काम करने आए और बेटे को भी साथ ले आए थे।
लौटकर आए तो बेटा गायब मिला
बेटा यहां दूसरे मजदूरों के बच्चों के साथ खेल रहा था। जब वह लौटकर आए तो बेटा गायब मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि हत्या 12 वर्षीय बालिका ने की है। बालिका ने यह कुबूल कर लिया है। हत्या क्यों की, इसे लेकर पड़ताल जारी है।
30 घंटे में 10 बार बालिका ने उलझाया, हमउम्र बालिका ने खोला राज तो मिला सुराग
आरोपित बालिका से सबसे पहले पूछताछ मंगलवार दोपहर तीन बजे हुई, जब पुलिस को पता लगा कि वह बेर तोड़ने के लिए बच्चे को साथ ले गई थी। उस समय उसने कहा- वह बेर तोड़ने के बाद बच्चे को छोड़ गई थी। दोबारा पूछताछ हुई तो कहा- कुत्ते पीछे पड़ गए थे, कुत्तों ने उसे काट लिया होगा। यहां से उस पर संदेह हुआ। फिर उसने बेर तोड़ने जाने के रास्ते बदल-बदलकर बताए।
पुलिस को पता लगा कि उस समय यहां तीन बच्चे और खेल रहे थे। इन्हीं में से हमउम्र किशोरी को आरोपित बालिका के सामने बैठाकर खाना खिलाया फिर बात की तो लौटने के रास्ते के बारे में सवाल किया। इस पर आरोपित बालिका ने दूसरा रास्ता बताया, दूसरी किशोरी ने हकीकत बताई और इसी बात पर अड़ गई। तब आरोपित बालिका से बात की गई, तो वह टूट गई और खुद ही लाश के पास लेकर पहुंच गई।