राजस्थान में पेपर लीक मामलों पर सरकार सख्त, 86 लोक सेवक बर्खास्त

जयपुर

राजस्थान में पेपर लीक मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार लगातार लोक सेवकों को निलंबित और बर्खास्त कर रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई शुरू हुई।

दिसंबर 2023 में सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया, जिसने पेपर लीक मामलों की गहन जांच शुरू की। जांच के दौरान कई सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर हुई, जिसके बाद निलंबन और बर्खास्तगी की प्रक्रिया तेज कर दी गई। अब तक की कार्रवाई में कुल 86 लोक सेवकों को बर्खास्त किया जा चुका है।

45 प्रशिक्षु उप निरीक्षक भी हुए बर्खास्त
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस-एसओजी) वीके सिंह के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर गठित SIT ने जांच के बाद 86 लोक सेवकों को सेवा से बर्खास्त किया है। इनमें SI भर्ती परीक्षा 2021 के 45 प्रशिक्षु उप निरीक्षक भी शामिल हैं, जिनकी नियुक्ति में अनियमितता पाई गई थी।

दौसा में पटवारी हर्षवर्धन मीणा बर्खास्त
पेपर लीक मामलों की जांच के तहत अब दौसा जिले के निलंबित पटवारी हर्षवर्धन मीणा को भी सेवा से हटा दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वीके सिंह ने बताया कि JEN भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक मामले में आरोप सिद्ध होने के बाद दौसा जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार ने शुक्रवार को हर्षवर्धन मीणा को बर्खास्त कर दिया।

जांच के दौरान सामने आया कि हर्षवर्धन मीणा, जो पहले दौसा के महवा में पटवारी के पद पर था, ने अवैध तरीके से परीक्षा पास की थी। वह 2 जनवरी 2024 से ड्यूटी से अनुपस्थित था और 18 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश में भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जित करने के भी आरोप पाए गए।

हर्षवर्धन मीणा की पत्नी भी पहले ही हो चुकी है बर्खास्त
हर्षवर्धन मीणा की पत्नी सरिता मीणा भी इसी मामले में बर्खास्त हो चुकी हैं। सरिता मीणा भीलवाड़ा में पटवारी के पद पर कार्यरत थीं और उन्होंने अपनी जगह किसी अन्य अभ्यर्थी के माध्यम से SI भर्ती परीक्षा 2021 पास करवाई थी। जब यह मामला सामने आया, तो वह फरार हो गई थीं। इसके बाद 24 दिसंबर 2024 को भीलवाड़ा जिलाधिकारी ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।

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