सिलीगुड़ी
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां पर डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के कार्यकर्ताओं ने राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ने का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ मोर्चा खोला है। डीवाईएफआई कार्यकर्ता शुक्रवार को राज्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए और रोजगार की मांग करते हुए उत्तरकन्या की ओर विरोध मार्च निकाल रहे थे। इस मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने कई जगहों पर बैरिकेडिंग की।
डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं पर दागे गए आंसू गैस के गोले
कार्यकर्ताओं ने पहले ही इस प्रदर्शन को लेकर चेतावनी दी थी। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को उत्तरकन्या तक जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। जब कार्यकर्ता पुलिस की बैरिकेडिंग पर नहीं रूके तो सुरक्षाकर्मियों ने डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे। ये कार्यकर्ता राज्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए और रोजगार की मांग करते हुए उत्तरकन्या, मिनी सचिवालय की ओर विरोध मार्च निकाल रहे थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए।
प्रदर्शनकारियों ने क्या कहा?
DYFI द्वारा किए जा रहे विरोध मार्च पर एक प्रदर्शनकारी रत्ना चौबे ने कहा कि युवा शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे थे। हम उनके साथ मौजूद थे। जिस तरह से पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिला प्रदर्शनकारियों को पीटा। DYFI की मीनाक्षी को गिरफ्तार किया गया। हमारी तरफ से कोई हिंसा नहीं हुई, यह सब शांतिपूर्ण था। युवा बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस को इस बारे में जानकारी थी, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है।
जल्द शुरू होगी आवाजाही
उल्लेखनीय है कि डीवाईएफआई के विरोध मार्च पर सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के डीसीपी राकेश सिंह ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। अब स्थिति शांतिपूर्ण है। यातायात की नियमित आवाजाही जल्द ही फिर से शुरू हो जाएगी।