प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से जुड़े अधिकतर राशन कार्ड धारकों की टैंशन एकाएक बढ़ गई है

लुधियाना
"प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" और "अंत्योदय अन्न योजना" से जुड़े अधिकतर राशन कार्ड धारकों की टैंशन एकाएक बढ़ गई है क्योंकि खाद्य आपूर्ति विभाग की टीमों एवं डिपो होल्डरों द्वारा उक्त परिवारों से संबंधित बुजुर्गों, बच्चों और मजदूरों की बायोमैट्रिक मशीनों पर की जाने वाली ई.के.वाई.सी. के दौरान उनके हाथों की उंगलियां ( फिंगरप्रिंट ) और आंखों की पुतलियां स्कैन नहीं हो पा रही हैं।

ऐसे में उक्त परिवारों के सिर पर केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही फ्री गेहूं का लाभ खत्म होने सहित राशन कार्ड कटने का खतरा मंडराने लगा है। यहां बताना अनिवार्य होगा कि केंद्र सरकार की नैशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट 2013 योजना के तहत खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की विभिन्न टीमों द्वारा डिपो होल्डरों के मार्फत राशन कार्ड में दर्ज प्रत्येक मैंबर की ई.के.वाई.सी. करने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है जिसके लिए सरकार द्वारा ई. के.वाई.सी. का काम मुकम्मल करने के लिए 31 मार्च, 2025 तक का अंतिम समय निर्धारित किया गया था। लेकिन राशन डिपो पर पहुंचने वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों और अधिकतर बुजुर्गों सहित कड़ी मेहनत मजदूरी करने वाले मजदूर वर्ग के हाथों की उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियां बायोमैट्रिक मशीनों पर स्कैन नहीं होने के कारण उनकी ई.के.वाई.सी. का काम बीच में रुका हुआ है जिसके चलते विभागीय अधिकारियों और संबंधित डिपो होल्डरों की परेशानियां लगातार आसमान छूने लगी हैं क्योंकि सरकार द्वारा दिए गए सख्त निर्देशों के बावजूद लुधियाना जिले में "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना" से जुड़े लाभ पात्र परिवारों की ई.के.वाई.सी. करने का काम बड़े पैमाने पर पैंडिंग पड़ा हुआ है।

डिपो होल्डर एसोसिएशन ने दावा किया है कि उम्र का एक पड़ाव पार कर चुके अधिकतर बुजुर्गों और हाथों से मजदूरी करने वाले मजदूरों की उंगलियों की लकीरें काफी हद तक घिस जाने के कारण उनके फिंगरप्रिंट मशीनों पर मैच नहीं हो पा रहे हैं जबकि कुछ ऐसी ही समस्याएं 5 वर्ष की उम्र से छोटे बच्चों के मामले में भी दरपेश आ रही हैं। उन्होंने कहा ऐसे में अगर उक्त परिवारों के नाम या फिर राशन कार्ड कट जाते हैं तो इससे संबंधित डिपुओं पर घमासान मचने की आशंकाएं पैदा होंगी क्योंकि अभी से ही उक्त परिवारों के लोग उनके बुजुर्गों और बच्चों के फिंगरप्रिंट मैच नहीं होने पर डिपो होल्डरों पर भड़क रहे हैं।

 खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कंट्रोलर मैडम शिफाली चोपड़ा ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में राशन कार्ड धारकों की ई.के.वाई.सी. का काम लगभग मुकम्मल हो गया है और जिन लोगों के फिंगरप्रिंट या फिर आंखें कमजोर होने के कारण आंखों की पुतलियों के निशान स्कैन नहीं हो रहे हैं ऐसे सभी लोगों की लिस्ट डिपो होल्डरों से मांगी गई हैं ताकि योजना के असल हकदारों तक फ्री गेहूं पहुंचाने के काम को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने कहा राशन कार्ड धारकों को उनके अधिकार देने के लिए विभाग पूरी तरह से वचनबद्ध है और सही परिवारों तक योजना का लाभ पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है जिसे पूरे पारदर्शी तरीके से निभाया जा रहा है।

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