रायपुर, 30 जुलाई 2020
दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले में फैली प्राकृतिक सौंदर्य की छटा जहां राज्य में प्रसिद्ध है। वहीं जिले के मूल निवासी कृषि और वनोपज संग्रहण कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। राज्य की मंशा के अनुरूप प्रदेश में विस्तृत वनभूमि का अधिकार हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है जिससे वनवासी लाभान्वित हो रहे हैं।
जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर ग्राम रामाराम के कृषक श्री संजय वेंको को वर्षों से काबिज 3.5 एकड़ वनभूमि का मालिकाना हक मिलने की खुशी है वहीं उनके पारिवारिक जीवन में भी खुशहाली आयी है। उन्होंने बताया कि इस काबिज वन भूमि में खेती कर प्रतिवर्ष 50 से 55 क्विंटल धान का उत्पादन से 45 हजार रुपए की आय होती है। वहीं गर्मी के मौसम में मक्के की फसल और सब्जियों से 35 हजार रुपए की अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। श्री संजय वन अधिकार पत्र मिलने से जहां वन भूमि से बेदखली के भय से मुक्त होकर कृषि कार्य कर रहे हैं। वहीं कृषि विभाग द्वारा नलकूप खनन होने से उनके फसलों की सिंचाई संबंधी समस्या भी दूर हो गई है। राज्य शासन द्वारा उन्हें नलकूप उपयोग हेतु निःशुल्क बिजली भी प्राप्त हो रही है। शासन द्वारा उन्हें आवास योजना के तहत रहने को पक्का आवास मिला है। जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति मर्यादित द्वारा किराना दुकान की स्वीकृति मिलने से उनकी जीवनशैली में बदलाव आया है।
उन्होने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य शासन ने वनभूमि का अधिकार प्रदान कर वनवासियों को निश्ंिचत होकर कृषि करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। साथ ही शासन की अन्य योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है। शासन की कल्याणकारी योजनाओं से उनका परिवार लाभान्वित होकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहा हैं।