सुशांत मामला….पड़ोसी महिला ने कहा- 13 जून की रात को एक्टर के घर की लाइट बंद थी, कुछ तो है

सीबीआई ने शनिवार को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में लगातार दूसरे दिन जांच की। इस दौरान सुशांत के फ्लैट भी पहुंची। यहां करीब 6 घंटे तक पड़ताल की। सूत्रों के मुताबिक, सुशांत के वजन के बराबर एक डमी को ले जाकर मौत के सीन (14 जून) को रीक्रिएट किया गया।

जांच एजेंसी अभिनेता के कुक नीरज सिंह, दीपेश सावंत और सिद्धार्थ पिठानी को भी अपने साथ लेकर गई। अफसरों ने तीनों के बयान कैमरे में दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक, टीम ने सिद्धार्थ और दीपेश से फंदे में लटकी डमी को ठीक वैसे ही उतारने के लिए कहा जैसा इन्होंने 14 जून को किया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि पंखा उस डमी का वजन सह सका या नहीं।

30 सदस्यीय टीम ने पूरी बिल्डिंग का मुआयना किया

  • एसपी नूपुर प्रसाद के साथ सीबीआई की टीम के 30 सदस्यों ने सबसे पहले पूरी बिल्डिंग का मुआयना किया। इनमें फोरेंसिक टीम के लोग भी शामिल थे। टीम के कुछ सदस्यों ने छत पर चढ़कर पूरे इलाके, छत, सीढ़ियों की वीडियोग्राफी की है। यह टीम सुशांत के घर 2 बजे पहुंची थी और शाम को 8:20 बजे निकली।
  • इस टीम में नॉट एक्सपर्ट में थे। इन्होंने सिद्धार्थ से पूछा कि सुशांत के गले में फंदा कैसा था। सिद्धार्थ ने डमी के गले में उसी तरह फंदा डालकर जांच टीम को दिखाया।

पड़ोसी महिला का दावा- 13 जून को सुशांत के घर की लाइट जल्द बंद हो गई थी
सुशांत के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने खुलासा किया, ’13 जून की रात को 10 से 11 के बीच लाइट बंद हो गई थी। आमतौर पर सुशांत के घर की लाइट सुबह 4 बजे तक जली रहती थी। मुझे इसमें कुछ गड़बड़ लगता है।’ पहले कहा जा रहा था कि 13 जून की रात को सुशांत के घर पर पार्टी हुई थी। दूसरे दिन 14 जून को उनकी मौत हो गई थी।

सीबीआई की एक टीम ने कूपर अस्पताल का दौरा भी किया
सीबीआई की एक अन्य टीम ने शनिवार को कूपर अस्पताल का दौरा किया। यहां सुशांत का पोस्टमॉर्टम हुआ था। पोस्टमॉर्टम करने वाले 5 डॉक्टरों के बयान दर्ज किए। एक अन्य टीम ने बांद्रा थाने का दौरा किया। यहां अभिनेता की मौत की जांच करने वाले मुंबई पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात की।

ऑटॉप्सी रिपोर्ट की जांच करेगी एम्स की टीम
एम्स ने सुशांत की ऑटॉप्सी रिपोर्ट की जांच के लिए शुक्रवार को 5 फोरेंसिक एक्सपर्ट की का मेडिकल बोर्ड बनाया। सीबीआई ने इस मामले में शुक्रवार को एम्स से राय मांगी थी। एम्स के फोरेंसिंक डिपार्टमेंट के हेड डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि ‘‘सुशांत का मर्डर होने के शक के एंगल से भी जांच की जाएगी। विसरा की जांच की जाएगी। सुशांत को डिप्रेशन दूर करने करने के लिए जो दवाएं दी जा रही थीं, उनकी भी एम्स की लैब में जांच होगी।’’

सीबीआई के सामने 3 चुनौतियां

1. सुशांत की मौत को 60 से ज्यादा दिन हो गए हैं। क्राइम सीन पर सबूत पूरी तरह मिट चुके होंगे। सीबीआई के पास सिर्फ मौके से ली गई तस्वीरें ही सहारा होंगी।

2. मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है और उसे मराठी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन कराने में लंबा वक्त लग सकता है। इनमें 56 गवाहों के बयान भी शामिल हैं।

3. सुशांत की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है। केवल एक आदमी है जिसने डेड बॉडी को लटके देखा और उसने भी डेड बॉडी उतार दी। ऐसे में डेड बॉडी कहां और कैसे लटकी हुई थी उसके पैर कहां पर थे इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआई को मशक्कत करनी पड़ेगी।

सीबीआई ने इन चीजों को मुंबई पुलिस से अपने कब्जे में लिया

  • सुशांत के 3 मोबाइल फोन, सुशांत का लैपटॉप।
  • वो मग जिसमें सुशांत ने जूस पिया था।
  • सुशांत ने उस समय जो कपड़े पहने थे और फंदे के लिए इस्तेमाल में किए गए हरे रंग का कपड़ा।
  • ऑटॉप्सी और फोरेंसिक रिपोर्ट भी सीबीआई को मिल गई है।
  • सुशांत के घर और फॉर्म हाउस से बरामद डायरी।
  • 13 से 14 जून की सीसीटीवी फुटेज भी सीबीआई को सौंपी गई हैं।
  • रिया चक्रवर्ती, शोविक चक्रवर्ती और इस केस से जुड़े सभी लोगों की सीडीआर।
  • 56 गवाहों के बयान की कॉपी भी सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस से ली है।

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