रायपुर : प्रदेश में इन दिनों स्तनपान सप्ताह को लेकर अलग-अलग विभागों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों में ओपीडी हॉल में बेबी फीडिंगकक्ष बनाए गए हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा भी प्रमुख रेलवे स्टेशनों में रेलवे में सफर करने वाली शिशुवती महिलाओं के लिए सुविधाएं दी जा रही है। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बच्चों को माता का दूध पिलाने के लिए महिलाओं को स्तनपान के महत्व बताये जा रहे है।
राजधानी के कालीबाड़ी स्थित मातृ-शिशु अस्पताल के ओपीडी कक्ष् में स्त्री रोग विभाग के पास ही शिशुवती माताओं के लिए फीडिंग रुम बनाएं गए हैं। अस्पताल की स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ नीता भटनागर ने महिलाओं को शिशुओं को स्तनपान कराने से होने वाले फायदे की जानकारी दी। इसके अलावा आरएमएनसीएच काउंसलर गीता सिंह और स्टॉफ नर्स त्रिवेणी साहू ने ओपी में आने वाली महिलाओं को स्तनपान के तरीकों की जानकारी दी। स्तनपान कराने वाली शिशुवती महिलाओं में माया देवांगन टिकरापारा, भारती यादव टिकरापारा और शमीमा संतोषी नगर निवासी ने कहा अस्पताल में इस तरह से बच्चे के स्तनपान कराने के लिए सुविधाएं मिल जाने से अस्पताल में दो से तीन घंटे तक लगने वाले समय में बच्चों को दूध पिलाने की समस्या खत्म हो गई। अस्पताल में इस स्तनपान कक्ष नहीं होने पर घर पर ही बच्चों को छोड़़ कर आने की मजबूरी अब नहीं रहेगी।
विश्व स्तनपान सप्ताह एक अगस्त से 7 अगस्त तक चलने वाले वृहद कार्यक्रम में खाद़य एवं पोषाहर बोर्ड द्वारा भी राजधानी सहित अन्य जिलों में 6 माह की उम्र तक बच्चों को केवल मां का दूध से मिलने वाले पोषण की जानकारी दी जा रही है। खाद़य एवं पोषण बोर्ड रायपुर के प्रभारी मनीष यादव ने बताया आज दुर्ग जिले के अहिरवारा परियोजना के अंतर्गत ग्राम मुरमंदा में डाकूमेंटरी फिल्म शो के जरिये आंगनबाड़ी केंद्रों में हितग्राहियों को स्तनपान का महत्व की जानकारी दी गई। इसके अलावा महिलाओं को नवजात शिशु की देखभाल तथा स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में शिशु दुग्ध अनुकल्प, पोषण बोतल और शिशु खाद्य अधिनियम-2003 की जानकारी दी गई। वहीं बच्चों को मां का दूध ही प्रदान कराना चाहिए जिससे शिशु के पोषक, शारीरिक और मानसिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। इसके अलावा महिलाओं की भागीदारी को सक्रिय और सकारात्मक बनाने के लिए पौष्टिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजन में प्रतिभागी महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलने वाले पूरक पोषण आहार व घर पर ही उपलब्ध खाद्य सामग्री से विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व पौष्टिक व्यंजन जैसे कि हलवा, पूरी, पौष्टिक सलाद,गुलगुले, चीला, लड्डू, ठेठरी आदि बना कर लाये। प्रतियोगिता में पहले स्थान पर संतोषी साहू, दूसरे स्थान पर पल्लवी व तिसरे स्थान पर राजेश्वरी दुबे ने छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाकर जीत हासिल किया। खाद़य एवं पोषण बोर्ड विजेताओ को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड रायपुर के प्रभारी मनीष यादव,दुर्ग जिले के अहिवारा परियोजना की परियोजना अधिकारी श्रीमती लता चावड़ा,आंगनवाडी पर्यवेक्षक श्रीमती अनीता श्रीवास्तव, सेक्टर मुरमुंदा व गोढ़ी की समस्त कार्यकर्ता, हितग्राही व सहयोगी चेतन लाल पटेल उपस्थित रहे ।