卐 जय महाकाल 卐
प्रिय पाठको,
रत्नों की श्रृंखला में आगे बढ़ते हुए आज हम बुध के रत्न पन्ना रत्न के बारे में जानेंगे।
बुद्ध को कुंडली में शुभ ग्रह की संज्ञा प्रदान की गई है, ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को राजकुमार की संज्ञा प्राप्त है। इसे युवा ग्रह भी माना जाता है बुध ग्रह वाणी का कारक ग्रह है व्यक्ति को बोलने की कला उसकी शैली बुध ग्रह से ही प्राप्त होती है। अगर कुंडली में बुध ग्रह अच्छा हो तो व्यक्ति को तार्किक शक्ति प्रदान करता है व्यक्ति तर्क वितर्क करने में कुशल होता है कुशल बुद्धि का मालिक होता है और उत्तम कार्य क्षमता उस व्यक्ति में होती है।
बुध ग्रह को सुंदर राजकुमार की पदवी का सम्मान प्राप्त है। बुध ग्रह व्यक्ति के जीवन में खुशमिजाज प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है। ऐसा व्यक्ति जिसकी कुंडली में बुध ग्रह लग्न में बैठे हो वह व्यक्ति अथवा जातक विद्वान होने के साथ-साथ मजाकिया स्वभाव का भी होता है। जिस व्यक्ति का बुध ग्रह कुंडली में मजबूत स्थिति में बैठा हो वह व्यक्ति वाकपटुता में निपुण होता है। बुध ग्रह का धन भाव में बैठना जातक को धन संपन्नता के साथ साथ सुविचार मधुर वाणी देता है।
अगर कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है अथवा पीड़ित होकर बैठा है तो व्यक्ति बुद्धि से भ्रमित रहता है तथा सही निर्णय नहीं ले पाता है उसकी कार्यक्षमता भी कम हो जाती है। साथ ही साथ मित्रों का सहयोग भी नहीं मिल पाता है बुध ग्रह मित्र का कारक ग्रह भी माना गया है। बुद्ध की तुलना मित्रों के साथ की गई है कुंडली में बुध ग्रह के पीड़ित रहना मित्रों की कमी तथा असहयोग की तरफ इशारा करता है।
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए उसका मुख्य रत्न पन्ना को माना जाता है। पन्ना रत्न बुध ग्रह का प्रिय रत्न होता है, पन्ना को धारण करने से बुध की स्थिति में मजबूती आती है जिससे व्यक्ति को बुध से संबंधित सारी वस्तुओं की प्राप्ति संभव हो पाती है।बुध ग्रह को व्यापार का कारक ग्रह भी माना गया है, एक अच्छे बुद्धिमान व्यक्ति को एक कुशल व्यापारी बनाने में सहायता करता है। बिना शुभ बुध के कुशल व्यापारी बनना असंभव है। बुध व्यापार के क्षेत्र में निपुणता प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है व्यापार की स्थिति को मजबूत करने के लिए भी बुध ग्रह का रत्न पन्ना को धारण करने की सलाह दी जाती है।
पन्ना रत्न एक हरे रंग का रत्न है जो बुध की पावर को बढ़ाकर उसके शुभ फलों में वृद्धि करता है हमें यहां पर ध्यान देने की आवश्यकता है की कुंडली में बुध ग्रह के योगकारक अथवा कारक स्थिति होने पर ही उसका रत्न पन्ना धारण करना चाहिए। अगर बुध ग्रह कारक होकर के नीच राशि अथवा छठ भाव, आठवें भाव एवं बारहवें भाव में बैठा हो तो बुध ग्रह का रत्न पन्ना हमें धारण नहीं करना चाहिए। पन्ना धारण करने से पहले एक योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लेना चाहिए बिना उचित सलाह के पन्ना धारण नहीं करना चाहिए।
कई बार कुछ ज्योतिषी गण व्यक्ति को उसके व्यापार में घाटा अथवा कष्ट होने के कारण पन्ना धारण करने की सलाह देते हैं, किंतु कुंडली में बुध ग्रह का कारक एवं प्लेसमेंट राशि स्थिति अच्छी होनी चाहिए नहीं तो हमें इसके विपरीत प्रभाव भी प्राप्त हो सकते हैं। पन्ना धारण करने से पहले इन सब बातों का ध्यान देना अति आवश्यक है।
बुध ग्रह के पन्ना रत्न को शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को प्राण प्रतिष्ठा करके दाहिने हाथ की कनिष्का अंगुली में प्रातः काल धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करते समय अथवा उसके पहले बुध ग्रह का मंत्र “ओम बूम बुधाय नमः” का एक माला जाप अवश्य कर लेना चाहिए, जिससे पन्ना रत्न के संपूर्ण प्रभावों को प्राप्त किया जा सके।
बुध ग्रह वाहन सुख भी प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति उसके कार्यकर्ताओं को प्रभावित करती है बुध ग्रह विद्या का कारक ग्रह भी माना गया है बुध ग्रह के इष्ट भगवान विघ्न विनाशक श्री गणेश को माना गया है । कुशल व्यापार संपूर्ण विद्या अध्ययन मैं पन्ना का विशेष महत्व माना जाता है।
राजनीति में भी बुध ग्रह की अहम भूमिका मानी गई है कोई भी नेता लगभग अपनी वाकपटुता के कारण ही चुनाव जीतने में सफल हो पाता है पता है हमें इन समस्त चीजों की प्राप्ति हेतु बुध ग्रह के शुभ रत्न पन्ना को धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करने से हमें बुध ग्रह के संपूर्ण फलों की प्राप्ति संभव हो पाती है।
Astro Raju chhabra(devendre singh)
“”Kundli specialist”” Falit jyotish
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