राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर सोमवार से शुरू हो रहे राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। पीएमओ ने रविवार को बताया कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘उच्चतर शिक्षा के सुधारों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भूमिका’ शीर्षक वाले इस सम्मेलन में सभी राज्याें के शिक्षा मंत्री, सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे। पीएमओ ने बयान में कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को एक न्यायसंगत और जीवंत ज्ञान समाज बनाने के लिए प्रयासरत है।
इस सम्मेलन को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के कुछ अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के कुछ मुद्दों को उठाने की संभावना है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि चटर्जी के राज्य माध्यमिक बोर्ड परीक्षाओं को नहीं लेने के प्रस्ताव का विरोध करने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस नीति के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी और कहा था कि राज्यों को इस नीति से दूर नहीं किया जा सकता है, क्योंकि शिक्षा का मुद्दा समवर्ती सूची की श्रेणी में आता है। नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 29 जुलाई को मंजूरी दी गई थी।
एनईपी भारत को एक समान और जीवंत ज्ञान समाज बनाने के लिए प्रयास करता है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह भारत केंद्रित शिक्षा प्रणाली को लागू करता है जो भारत को वैश्विक महाशक्ति में बदलने में सीधे योगदान देता है।
एनईपी से देश की शिक्षा प्रणाली में प्रतिमान बदलाव होगा और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित एक नए आत्मनिर्भर भारत के लिए एक सक्षम और सुदृढ़ शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा।