पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा पर हुए हमले की सशस्त्र बलों के पूर्व अधिकारियों ने निंदा की है। इन अधिकारियों ने रविवार को बयान जारी कर कहा, यह अविश्वसनीय है कि इतने गंभीर मामले को मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार ने इतनी लापरवाही से लिया।
अब तक मामले में न्याय नहीं हुआ है और आरोपियों को जमानत मिलना जले पर नमक छिड़कने जैसा है। मामले में न्याय की हल्की से उम्मीद भी नहीं दिखी है।
600 से ज्यादा पूर्व अधिकारियों के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया है कि नौसेना के पूर्व अधिकारी पर हमला करने और उनके परिवार को नीचा दिखाने वाले आरोपियों पर राजनीतिक दल से जुड़ाव के कारण सख्त कार्रवाई नहीं की गई। यह अविश्वसनीय रूप से चौंकाने वाला है और मुंबई में नौसेना के पूर्व अधिकारी के साथ गुंडागर्दी अस्वीकार्य है।
साथ ही कहा कि जो मदन शर्मा के साथ हुआ वह निंदनीय है। हमें पूर्व सैन्य अधिकारियों की गरिमा, सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और प्रत्येक नागरिक को इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में एयर चीफ मार्शल (रिटायर्ड) प्रदीप नाइक, वाइस एडमिरल (रिटायर्ड) शेखर सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह और एयर मार्शल (रिटायर्ड) एसपी सिंह शामिल हैं।
यूपी में पूर्व सैनिकों पर हमले हुए, लेकिन रक्षामंत्री ने उन्हें फोन नहीं किया: राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा से सहानुभूति जताते हुए कहा, मैं उनके साथ हुई घटना का विरोध करता हूं। अगर कोई हमला करता है तो हमसे नहीं पूछता। महाराष्ट्र बड़ा राज्य है। यह किसी के भी साथ हो सकता है। क्या आपको पता है कि यूपी में कितने पूर्व सैनिकों पर हमला हुआ है? लेकिन रक्षामंत्री ने कभी उन्हें फोन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मानना है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र में कानून का राज है और आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया गया। दुर्भाग्य से कुछ दल अपने हितों के लिए राजनीति कर रहे हैं। रक्षामंत्री भी मामले में दिलचस्पी ले रहे हैं। अगर आप किसी पर कीचड़ उछालते हो तो लोग गुस्सा हो जाते हैं, लेकिन इसको सरकार के साथ जोड़ना अनुचित है।