रायपुर, 21 सितम्बर 2020
प्रदेश में कुपोषण के विरूद्ध चलाए जा रहे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। जहां एक ओर कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है,वहीं महिलाएं भी एनीमिया से मुक्त होने लगी हैं। इन्ही महिलाओं में बस्तर जिले की सुश्री पुष्पा भी शामिल हैं। उन्हें बस्तर जिले में आमचो लेकी, आमचोमाय के नाम से संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का लाभ मिला है।
बस्तर जिले में एकीकृत बाल विकास परियोजना जगदलपुर ग्रामीण में सेक्टर माड़पाल के ग्राम पंचायत धनपुंजी निवासी 28 वर्षीय पुष्पा की माह फरवरी 2020 में एनीमिया की जाँच की गयी। जाँच के दौरान पुष्पा में हीमोग्लोबिन मात्र 7.6 ग्राम पाया गया, जो कि एनीमिया की श्रेणी में आता है। पुष्पा को आंगनबाड़ी केन्द्र धनपुंजी क्र.03 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुश्री तुलावती ठाकुर द्वारा एनिमिक महिला के रूप में पंजीकृत किया गया। पुष्पा को आंगनबाड़ी केन्द्र में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत निर्धारित मेन्यू के अनुसार प्रतिदिन दोपहर को गर्म भोजन प्रदाय किया गया जिसमें दलिया, अंडा, रोटी-सब्जी, हरी सब्जी, भाजी, पुलाव, रागी का हलवा आदि दिया जाता था। गृह भेंट के दौरान पुष्पा को घर की साफ-सफाई, शारीरिक साफ-सफाई एवं संतुलित आहार लेने की सलाह दी गई। कोरोना काल में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित न होने की स्थिति में पुष्पा के घर शासन के द्वारा निर्धारित मात्रा में सूखा राशन घर पहुंचाया गया और समय-समय पर गृह भेंट की माध्यम से एनीमिया से होने वाली बिमारियों एवं खून की कमी दूर करने के उपाय बताए गए। विभागीय मेहनत और परामर्श से पुष्पा के आहार-व्यवहार में परिवर्तन हुआ और वह संतुलित और पौष्टिक आहार नियमित लेने लगी। सितम्बर 2020 में पुष्पा के रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़कर 11.6 ग्राम हो गया और वह अब एनीमिया मुक्त है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से 15 से 49 वर्ष आयु के महिलाओं को एनीमिया से मुक्त कराने के लिए पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत महिलाओं को गर्म भोजन देने की व्यवस्था की गई है।