लापरवाही, जांच उपरांत उन्हें डेंगू से पीड़ित बताते हुए रिफर

पखांजुर – नगर में संचालित वंदना अस्पताल द्वारा वार्ड क्रमांक 13 के निवासी सारदेन्दु हालदार की जांच उपरांत उन्हें डेंगू से पीड़ित बताते हुए रिफर कर दिया। अस्पताल ने इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी दी गई जिसके बाद विभाग भी हरकत में आया और शिविर लगाने की तैयारी शुरू कर दी। यह जानकारी जब वार्ड के लोगों को लगी तो वार्डवासियों में भी डेंगू को ले दहशत फैल गई। परेशान परिजन तुंरत उसे बाहर रायपुर ले गऐ पर वहा सारी रिपोर्ट निगेटिव आई जिसके बाद परिजनों मोहोल्ले के लोगों के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग की भी जान में जान आई पर इस पूरे प्रकरण में निजी अस्पताल में हो रहे ईलाज की जरूर कलई खुल गई। घटना दिनांक 8 अगस्त की है जब वार्ड क्रमांक 13 निवासी सारदेन्दु हालदार  उम्र 25 वर्ष की तबीयत खराब हुई तो सबसे पहले वह पखांजूर स्थित सिविल अस्पताल में ईलाज कराने पहुंचे कुछ दिनों के ईलाज के बाद भी जब तबियत में सुधार नहीं हुआ तो वह दिनांक 8 अगस्त को पखांजूर स्थित निजी बंदना अस्पताल में भर्ती हो गऐ। इस दौरान वहा उसके कई टेस्ट किऐ गऐ और उसे डेंगू का पीड़ित होने की रिर्पोट दी गई। चूंकि मरिज को डेंगू निकला तो इसकी जानकारी निजी अस्पताल के डाॅक्टर ने स्थानिय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी दी ताकि विभाग इसके रोकथाम के लिए जरूरी उपाय कर सके।

जानकारी लगते ही जहां विभाग में हड़कप मच गया वहीं मोहोल्ले में भी लोग दहशत में आ गऐ। क्षेत्र में मलेरिया एक समान्य रोग है पर डेंगू का होना क्षेत्र के लिए पहली घटना थी। विभाग के अधिकारियों ने भी परिजनों से मिल जानकारी ली पता किया की पीड़ित कही बाहर से तो नहीं आया था पर वह विगत एक वर्ष से यही रह रहा था इसके बाद विभाग मोहोल्ले में शिविर ही लगाने वाला था।  इस दौरान परिजन उसे रायपुर ले गऐ वहां जांच में सब कुछ समान्य निकला महज पेट में संक्रमण होने के कारण उसे बुखार आ रहा था। इसके बाद परिजनों ने इसकी जानकारी स्थानिय स्वास्थ्य विभाग को दी साथ ही मोहोल्ले के लोगों को भी जब डेंगू न होने की जानकारी मिली तो लोगों की जान में जान आई।  इस पूरे मामले में निजी अस्पताल की ईलाज की जरूर कलई खुल गई। ज्ञात हो की इस अस्पताल द्वारा चलाए जाने वाले लैब में कोई पैथोलाजी का डॅाक्टर नहीं है बिना डॅाक्टर के ही मरिजों को गलत रिपोर्ट दे उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। 

पीड़ित के भाई राजदीप हालदान ने बताया की अस्पताल द्वारा गलत रिपोर्ट के कारण वे उनका पूरे वार्डवासी के साथ साथ पूरा स्वास्थ्य विभाग परेशान रहा। अगर वे रिपोर्ट को सही मान ईलाज शुरू हो जाता तो उनके भाई की जान ही चली जाती वे इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से करेगे ताकि अन्य लोगों के साथ ऐसा न हो।

इस सम्बध में खंड चिकित्सा अधिकारी डॅा दिलीप सिन्हा ने बताया की उक्त अस्पताल में डेंगू की जांच की व्यवस्था है या नहीं इसकी उन्हें जानकारी नहीं है शायद मरीज की जांच किट के माध्यम से की गई होगी जिसमें कई बार गलत रिपोर्ट आती है पर रिपोर्ट देने के पहले अस्पताल की पूरी जिम्मेदारी बनती है की वह इसकी दोवारा जांच कर ले इस मामले में अस्पताल द्वारा लापरवाही बरती गई है,जिसकी जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

वही वंदना अस्पताल के डॉक्टर से इस संबंद में बात की गई तो उन्होंने इस पूरे मामले पर गोलमोल जबाब देते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिए।

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