देश में जारी कोरोना संकट (Coronavirus News In Hindi) के बीच ऑक्सफोर्ड की कोविड वैक्सीन कोविशील्ड (Oxford Covid Vaccine Covishield) से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है. भारतीय औषधि महानियंत्रक (DGCI) की हरी झंडी मिलने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन (Oxford Covid Vaccine) का क्लीनिकल ट्रायल एक बार फिर शुरू कर दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के केईएम अस्पताल में ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोरोना की वैक्सीन (Covid Vaccine) का मानव परीक्षण (Human Trial) किया जाएगा
KEM अस्पताल के डीन ने बताया कि कोरोना वायरस के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन का अस्पताल में तीन व्यक्तियों पर मानव परीक्षण किया जाएगा. उन्होंने बताया किवैक्सीन के परीक्षण के लिए हमने 13 लोगों की स्क्रीनिंग की है. इनमें से तीन लोगों पर ‘कोविशील्ड’ का ट्रायल किया जाएगा. इसके अलावा एक अन्य शख्स को मानक परीक्षण प्रक्रिया के तहत प्लेसबो दिया जाएगा. यह ट्रायल शनिवार यानी आज से शुरू होगा
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को ब्रिटेन की एस्ट्रेजेनिका (Oxford-AstraZeneca) के साथ तैयार कर रही है. इससे पहले कोविड-19 के संभावित टीके का मानव पर तीसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल में शुरू किया गया. मालूम हो कि इस महीने के शुरू में SII ने पूरे देश में टीके का परीक्षण रोक दिया था.
भारत के औषधि महानियंत्रक ने 11 सितंबर को अगले आदेश तक एसआईआई द्वारा टीके के दूसरे एवं तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण को अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया था. यह कदम एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा एक स्वयंसेवी के अज्ञात कारणों से बीमार होने के बाद परीक्षण स्थगित करने के बाद उठाया गया था. हालांकि, डीसीजीआई ने 15 सितंबर को टीके का चिकित्सकीय परीक्षण दोबारा शुरू करने की अनुमति एसआईआई को दे दी थी.
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया है कि कोरोना वायरस वैक्सीन भारत में अगले साल की शुरुआत तक उपलब्ध करा दिया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा कि ‘अन्य देशों की तरह, भारत भी प्रयास कर रहा है और कोरोना से संबंधित तीन टीकों का ट्रायल अलग-अलग चरणों में चल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, एक विशेषज्ञ समूह इन टीकों को देख रहा है और इसके स्थान पर उन्नत योजना बना रहा है. हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत तक भारत में एक वैक्सीन जरूर उपलब्ध होगी.