शव को दफनाने के बाद फिर से निकाला गया बाहर… जाने क्या है पूरा मामला

बचेली,  वार्ड क्रमांक 10 के एक 60 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की तबीयत अचानक खराब हो गई थी जिसे अपोलो अस्पताल ले जाया गया जहाँ उनकी कोरोना जांच की गई तो व्यक्ति एंटीजन किट में पाजिटिव पाया गया। जिसके बाद बेहतर उपचार के लिये व्यक्ति को जगदलपुर के डिमरापाल स्थित मेडिकल कालेज भेज दिया गया। जहा इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी हालांकि प्रशासन अरटीपीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आने पर ही उसे कोरोना से मृत घोषित करता है। चुकी मृत व्यक्ति एन्टीजन किट में पॉजिटिव पाया गया था इसलिए एहतियातन उसका अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन के हिसाब से किया जाना था।उसी को देखते हुए मृत व्यक्ति के शव को प्रशासन की मंजूरी के चलते बचेली लाये लाने पर शव दफनाने को लेकर भारी हंगामा देखने को मिला। जब शव को दफनाने के लिये रेलवे कालोनी के पास गंगू पारा में चिन्हांकित किये गए स्थल पर ले जाया गया तब आस पास के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया एवं मार्ग बाधित किया। जिसकी खबर एसडीएम प्रकाश कुमार भारद्वाज को लगते ही ग्रामीणों से मुलाकात कर उन्हें समझाने की कोशिश की जिस पर ग्रामीणों का आरोप था कि बीते दिनों एनएमडीसी कर्मी की मौत के बाद रिहायशी इलाके में रेलवे कॉलोनी क्वाटर के समीप ही संक्रमित शव को दफनाया गया है। जिससे आस पास के इलाकों में रहने वाले लोगो मे दहशत का माहौल है एवं वर्तमान में गंगू पारा में जिस जगह शव दफनाने हेतु तैयारी की गई है वहां आस पास ग्रामीणों की बस्ती है लोगो को संक्रमण का खतरा है।जिसके बाद एसडीएम ने एनएमडीसी अधिकारियों एवं पालिका प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों पुलिस प्रशासन की आपात बैठक बुलवाई। जिसमे एनएमडीसी इलाके में सुनसान क्षेत्र में शव दफनाने हेतु सहयोग मांगा गया जिसपर एनएमडीसी के अधिकारियों ने एनएमडीसी के पास जमीन नही होने का बहाना करते हुए अपना पल्ला झाड़ने लगे एवं शव को किरंदुल ले जाकर दफनाने की सलाह दे डाली जिसपर एसडीएम ने कड़ा रुख अपनाते हुए एनएमडीसी अधिकारी को तत्काल जगह सुनिश्चित करने आदेश दिए एवं जमकर फटकार लगाई जिसके बाद एनएमडीसी एरिया में कचरा डंपिंग ग्राउंड जो कि रिहायशी इलाके से काफी दूर है वहां शव दफनाने को लेकर सहमति बनी एवं इसके बाद कही जाकर संक्रमित शव को दफनाया गया। परंतु सिलसिला यहां थमा नही यहां भी शव दफनाने के बाद आस पास के वार्ड वासी व ग्रामीण मौके पर पहुंचे एवं विरोध करने लगे घण्टो समझाने के बाद भी लोग नही माने सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने प्रशासन की टीम का रास्ता जाम कर दिया जिसके बाद हंगामे को देखते हुए शव को वापस निकालकर मुर्दाघर में रखवाया गया। ये घटना नगर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण घटना है ।

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