हाथरस कांड: जंतर मंतर पर भारी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारी, केजरीवाल भी पहुंचे

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पारा चढ़ाने वाले हाथरस कांड को लेकर विरोध का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा. हाथरस घटना को लेकर देर शाम दिल्ली के जंतर मंतर पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई नेता डी राजा ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस दौरान सीताराम येचुरी ने कहा, “यूपी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. हमारी मांग है कि न्याय दिया जाए.

जंतर मंतर पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे हैं. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर और बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर भी जंतर मंतर पर पहुंचे. इस दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, “इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मुंबई या दिल्ली में ऐसी घटना क्यों होनी चाहिए? देश में बलात्कार की कोई भी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.”

बता दें कि हाथरस के बूलगढ़ी गांव में जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के बाद से ही माहौल में गर्मागरमी बढ़ गई है. गांव के आसपास शुक्रवार को पुलिसबल की भारी तैनाती की गई और यहां तक कि स्थानीय लोगों की आवाजाही भी प्रतिबंधित कर दी गई. हाथरस के एडिशनल एसपी प्रकाश कुमार ने बताया कि गाँव में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध तब तक रहेगा जब तक SIT वहाँ अपनी जाँच पूरी नहीं कर लेती.

वहीं इससे पहले इस घटना को लेकर राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. वहीं, महिलाओं पर अपराधों के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया. हाथरस घटना के विरोध में मौन व्रत पर बैठने जा रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को हजरतगंज इलाके में पुलिस ने रोकने का प्रयास किया और जब वे नहीं रुके तो लाठीचार्ज किया तथा उन्हें आगे नहीं जाने दिया.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथरस में सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के परिवार को प्रशासन द्वारा कथित तौर पर गांव से बाहर नहीं निकलने देने संबंधी खबर को लेकर शुक्रवार को आरोप लगाया कि सच छिपाने के लिए उत्तर प्रदेश का प्रशासन ‘‘दरिंदगी’’ पर उतर आया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उप्र प्रशासन सच छिपाने के लिए दरिंदगी पर उतर चुका है. ना तो हमें, ना मीडिया को पीड़िता के परिवार को मिलने दिया और ना उन्हें बाहर आने दे रहे हैं, ऊपर से परिवारजनों के साथ मार-पीट और बर्बरता.’’

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