महाष्टमी के दिन इस ध्यान मंत्र और आरती से करें माता महागौरी को खुश

नवरात्रि का पर्व हर साल मनाया जाता है और यह पर्व इन दिनों चल रहा है। ऐसे में कल यानी 24 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी एक साथ मनाई जाने वाली है। आपको बता दें कि नवरात्रि के अष्टमी वाले दिन माता महागौरी का पूजन किया जाता है। वहीँ नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं माता महागौरी की आरती। माता महागौरी की आरती कर आप उन्हें खुश कर सकते हैं और इस दौरान आप उनसे जो मागेंगे वह आपको मिलेगा।

माता महागौरी का ध्यान मंत्र –

वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्।

सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥

पुणेन्दुनिभांगौरी सोमवक्रस्थितांअष्टम दुर्गा त्रिनेत्रम।

वराभीतिकरांत्रिशूल ढमरूधरांमहागौरींभजेम्॥

पटाम्बरपरिधानामृदुहास्यानानालंकारभूषिताम्।

मंजीर, कार, केयूर, किंकिणिरत्न कुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांत कपोलांचैवोक्यमोहनीम्।

कमनीयांलावण्यांमृणालांचंदन गन्ध लिप्ताम्॥

माता महागौरी की आरती –
जय महागौरी जगत की माया। जया उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरी वहां निवासा॥
चंद्रकली ओर ममता अंबे। जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥
भीमा देवी विमला माता। कौशिकी देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती सत हवन कुंड में था जलाया। उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया। तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया। शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता। माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो। महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥

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