मामा-भांजा ने किया गैंगरेप, पत्थर से मारा, मरा समझ सामान लूटकर भागे

रायगढ़. लैलूंगा के खलखिया के पास 18 अक्टूबर की सुबह अधमरी हालत में पड़ी मिली एनजीओ कर्मी महिला के साथ गैंगरेप होने की बात सामने आई है। आरोपियों ने दुष्कर्म के दौरान महिला के विरोध करने पर उसकी हत्या करने चेहरे पर वार किया था, जिसमें पीड़िता गंभीर रुप से घायल हो गई थी और आरोपी उसे मृत समझ छोड़ भागे थे। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनमें एक नाबालिग भी शामिल हैं। घटना स्थल से मिले ब्रेसलेट और सर्विलांस के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंची। अपहरण कर दुष्कर्म करने, लूट, हत्या के प्रयास का अपराध दर्ज कर पुलिस ने दोनों रिमांड पर भेजा है। थाना प्रभारी ने बताया कि सरगुजा बलरामपुर की रहने वाली 40 वर्षीय महिला कोतबा और आसपास के गांवो में एनजीओ बनवाने का काम करती है। रविवार को उसे पत्थलगांव जाना था। वह बस से बीच रास्ते लैलूंगा में उतर गई। मीटिंग में जल्दी पहुंचने के चक्कर में उसने पास में खड़े धरमजयगढ़ के संतोष यादव 22 वर्ष व उसके 16 वर्षीय साथी से लिफ्ट मांग ली। पेट्रोल डलवाने की बात तय होने पर बाइक सवार दोनों उसे पत्थलगांव की ओर लेकर चल दिए। बीच रास्ते में आरोपियों का मन डोल गया और खलसिया के पास सुनसान जगह पर उसके साथ दुष्कर्म किया और विरोध करने पर जान से मारने के लिए पत्थर से हमला किया। आरोपी उसे मरा समझकर उसका पर्स, मोबाइल लूट कर भाग गए थे। महिला रायपुर के अस्पताल में भर्ती जहां पर उसकी अभी भी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस परिजन से उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रही है। पहले ही दिन पुलिस को महिला के एक युवक के साथ बाइक पर देखे जाने का पता चला था।

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