छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया गया सम्राट अशोक विजयदशमी समारोह

रायपुर, 25 अक्टूबर 2020। राजधानी के गांधी मैदान में आज चक्रवर्ती सम्राट अशोक विजयदशमी समारोह ” पुरखा के सुरता” आयोजन किया गया। हम भारत के लोग सामाजिक संगठन के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ की धरती में भारत महान सम्राट अशोक की याद में विजयदशमी समारोह से पहले डॉ आंबेडकर चौक से गांधी मैदान तक सैकड़ों की संख्या में राजधानी के प्रबुद्ध नागरिकों ने शोभायात्रा निकाली गई।
अशोक विजयदशमी के अवसर आज 25 अक्टूबर 2020 को दोपहर 12 : 30 बजे माल्यार्पण एवं सलामी ( डाँ. बाबासाहब आम्बेडकर ) के बाद झाँकी के साथ शोभा यात्रा राजधानी के डाँ. आम्बेडकर चौक से शास्त्री चौक, नल घर चौक से होते हुए नगर निगम वाइट् हाउस से गांधी मैदान पहुंचेगी। शोभा यात्रा में प्रदेशभर के सैकड़ों लोग शामिल हुए।
दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक गांधी मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रबोधन का कार्यक्रम रखा गया।
कार्यक्रम में बसपा के पूर्व विधायक दुजराम बौद्ध, विजय सेंड, रामकृष्ण जांगड़े, अखिलेश एडगर, रघु नन्दन साहू, विष्णु बघेल, गोल्डी जार्ज, सुनील गनवीर, भुनेश्वर साहेब, मीरा देवी, दुजकुमार भास्कर, राजू खूंटे, नरेश साहू, अग्निश देव, रतन गोंडाने, डॉ रमेश सुखदेवे, विनिका दुर्गम, भास्कर, सीपी कुशवाहा, संजू कुशवाहा, जितेंद्र सोनकर, अजय चौहान, भंजन जांगड़े , भीम आर्मी एवं समता सैनिक दल के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
विष्णु बघेल ने कहा कि सम्राट अशोक के शाषन काल में भारत सोने की चिड़िया, विश्व गुरु बन कर पुरी दुनिया में बौद्ध धम्म का प्रचार प्रसार किया। चन्द्रगुप्त मौर्या से लेकर बृहद्रथ मौर्य तक मौर्य साम्राज्य के 10 राजाओं के लगभग 150 सालों के काल मे बुद्ध धर्म देश और दुनिया में फैला रहा। आज ऐतिहासिक दिन है चक्रवर्ती सम्राट अशोक विजय दशमी समारोह का आगाज की शुरुवात किया गया। भारत देश में आज समाज में फैली असमानता व ऊँच नीच के भेदभाव को खत्म कर विश्व बंधुत्व की भावनाओं को अंगीकार करें। हमें बुद्ध के विचारधारा को फैलाने का कार्य करते हैं। भ्रम और पाखंड का बहिष्कार करना चाहिए। सत्य अपने आप में अकेला होता है। महापुरुषों के जीवन से मिलने वाले ज्ञान से ही प्रकाश मिलेगा।
दुजराम बौद्ध ने बताया कि आज के दिन सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध जीतने के 10 वें बाद बुद्ध धम्म अपनाया था और बाबा साहब डॉ आंबेडकर ने भी नागपुर में विजय दशमी के दिन बुद्ध धम्म का दीक्षा ग्रहण किया था। धम्म का अर्थ नैतिकता यानी सदाचार गुण वाला होता है। आगामी 13 नवंबर बोधिसत्व महामानव रावण का जन्मदिन मनाया जाएगा।

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