पटाखे पर स्टील का गिलास रखकर फोड़ा, शरीर में टुकड़े घुसने से बच्चे की मौत

राजधानी में तेज आवाज वाले पटाखे बेचने और खरीदने पर पाबंदी है। बावजूद इसके अलीपुर में बिक रहे पटाखे ने एक मासूम की जान ले ली। नौ साल का मासूम पटाखे पर स्टील का गिलास रखकर उसे फोड़ने की कोशिश कर रहा था। आग लगाने के बावजूद पटाखे के नहीं फूटने पर वह नजदीक गया और इसी दौरान तेज धमाका हो गया। गिलास के टूकड़े बच्चे के शरीर में घुस गए। उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को परिवार वालों के हवाले कर पुलिस ऐसे पटाखा बेचने वालों की तलाश कर रही है।

मृत बच्चे की शिनाख्त प्रिंस दास (9) के रूप में हुई है। वह परिजनों के साथ ओउम कॉलोनी बख्तावरपुर में रहता था। वह शांति निकेतन पब्लिक स्कूली चौथी कक्षा में पढता था। उसके पिता राम रखबाल दास निजी कंपनी में नौकरी करते हैं जबकि मां बबीता देवी खेतों में काम करती है।

बुधवार को उसके माता-पिता काम पर गये थे। अन्य बच्चों की तरह प्रिंस इलाके की किसी दुकान से पटाखे खीदकर लाया था। उसके बाद वह पड़ोस के बच्चों के साथ खाली प्लॉट में पटाखे चलाने के लिए चला गया। बम को फोड़ने के दौरान उसने स्टील का गिलास उस पर रख दिया। पटाखा नहीं फूटने पर वह उसे पास से देखने गया। इसी दौरान बम में धमाका हो गया और गिलास के परखच्चे उड़ गये। गिलास के कई टूकड़े उसके शरीर में घुस गये। वह घायल होकर वहीं गिर गया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रिंस के माता पिता वहां पहुंचे और उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने प्रिंस को मृत घोषित कर दिया।

इलाके में पटाखों पर नहीं है कोई प्रतिबंध
स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में पटाखे बेचने पर कोई पाबंदी नहीं है। छोटे से परचून की दुकान में भी चोरी छिपे पटाखे बेचे जाते हैं। घर पर परिजनों के नहीं रहने पर अकसर बच्चे इन दुकानों पटाखे खरीदकर उसे चलाते हैं। ऐसे में वह इसके चपेट में आकर घायल हो जाते हैं या फिर उन्हें प्रिंस की तरह जान गंवानी पड़ती है। परिजनों का कहना है कि  ऐसे पटाखे पर पूरी तरह से प्रतिबंध होना चाहिए और बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दुकानदारों के पास पुराने पटाखे मौजूद हैं जिसे वह कम दाम पर बेच रहे हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *