Diwali 2020: 499 साल बाद दुर्लभ संयोग में मनाई जाएगी दिवाली, नरक चतुर्दशी और महालक्ष्मी पूजा एक ही दिन

दिवाली के महापर्व का आगाज कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि से हो जाता है। कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि से लेकर भाईदूज तक दिवाली का पावन त्योहार मनाया जाता है। इस साल दिवाली पर 499 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बारे में अमर उजाला ने अल्मोड़ा में स्थित मां नंदा देवी मंदिर के प्रधान पुजारी तारा दत्त जोशी से बातचीत की। पंडित जोशी ने बताया कि ऐसा संयोग 499 साल पहले बना था। इस साल एक ही दिन 14 नवंबर शनिवार को बड़ी दिवाली यानी महालक्ष्मी पूजा और नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा।

नरक चतुर्दशी और दिवाली एक ही दिन
पंडित जोशी ने बताया कि इस साल नरक चतुर्दशी और दिवाली एक ही दिन पड़ रही है। पंडित जोशी के अनुसार ऐसा संयोग 499 साल के बाद बन रहा है। पंडित जोशी का कहना है कि इस साल ग्रहों का भी दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है।

गुरु, शुक्र और शनि का दुर्लभ संयोग
पंडित जोशी के अनुसार इस साल दिवाली यानी 14 नवंबर के दिन के गुरु, शुक्र और शनि का भी दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। इस दिवाली पर गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में, शनि अपनी राशि मकर में और शुक्र कन्या राशि में नीचे का रहेगा। पंडित जोशी के अनुसार ऐसा संयोग 499 साल बाद बन रहा है।

1521 में बना था गुरु, शुक्र और शनि का ऐसा संयोग
पंडित जोशी के अनुसार गुरु, शुक्र और शनि का ऐसा संयोग 499 साल पहले 1521 में बना था। 1521 में 9 नवंबर को दिवाली का पावन पर्व मनाया गया था। पंडित जोशी बताते हैं कि गुरु और शनि व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाले कारक ग्रह माने जाते हैं।

शुभ मुहूर्त- नरक चतुर्दशी, शनिवार 14 नवंबर 2020
शुभ मुहूर्त शायं प्रदोष वेला में 05 बजकर 33 मिनट से 07 बजकर 46 मिनट तक रहेगी।

शुभ मुहूर्त-दिवाली,14 नवंबर 2020
व्यापारिक प्रतिष्ठान, शोरूम, दुकान, गद्दी की पूजा, कुर्सी की पूजा, गल्ले की पूजा, तुला पूजा, मशीन-कंप्यूटर, कलम-दवात आदि की पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त अभिजित दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से आरंभ हो जाएगा। इसी के मध्य क्रमशः चर, लाभ और अमृत की चौघडियां भी विद्यमान रहेंगी जो शायं 04 बजकर 05 मिनट तक रहेंगी।

 

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