दाई-दीदी क्लीनिक से महिलाओं को मिल रहीं विशेष सुविधाएँ

रायपुर : कुछ दिनों पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दाई-दीदी क्लीनिक योजना की शुरुआत की गयी है। विशेष रूप से महिलाओं को समर्पित इस क्लिनिक से महिलाओं को काफी लाभ मिल रहा है । यह योजना पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में चलायी जा रही है ।दाई-दीदी क्लीनिक में डॉक्टर सहित सभी चिकित्सकीय स्टाफ महिलाएं ही होतीं हैं और इसमें केवल महिलाओं का ही निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। इस बारे में एक लाभार्थी महिला संजना ने कहा “जब मैंने इस तरह के क्लिनिक के बारे में आंगनबाड़ी से सुना तो मुझे यकीन नहीं हुआ कि घर के बाहर भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकता है, लेकिन सुबह जब दाई-दीदी क्लीनिक की वैन घर के बाहर पहुंची तो मै हैरान रह गई। मेरी वहॉ पर एएनसी जांच हुई, ब्लड और शुगर लेवल भी चेक किया गया,साथ हीनि:शुल्क दवाईयॉ भी मिली। तब जाकर मुझे यकीन हुआ कि ऐसा भी हो सकता है”।उन्होंने कहा यह योजना बहुत ही अच्छी है इससे उनके समय की बचत हो रही है । ऐसी ही कुछ कहानी चौक क्षेत्र के रहने वाली60 वर्षीय अमेरिका बाई की भी है। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में शुगर जांच के लिये अस्पतालों में जाने से संक्रमण का खतरा रहता है इसलिए उसने दाई दीदी क्लीनिक में जांच कराई और नि:शुल्क दवाई भी प्राप्त की हैं। वहीं 14 वर्षीय अमरौतिन सोनवानी का कहना है: “दाई-दीदी क्लीनिक में सबसे अच्छी बात हम युवतियों के लिए यह है कि इसमें सभी स्टाफ महिलाएं हैं जिनसे अपनी परेशानी बताने में संकोच नहीं होता है।“ दाई-दादी क्लीनिक की शुरुआत प्रदेश में 19 नवंबर 2020 से हुयी है । दाई-दीदी क्लीनिक की जानकारी देते हुए जय किशन तिवारी प्रभारी एमएमयू (मोबाईल मेडिकल यूनिट) ने बताया, दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से 30 नवंबर तक कुल 448 ओपीडी की गई है जिसमें 237 लैब टेस्ट किये गए है । वहीं 392 लोगों को दवा का वितरण भी किया गया ।इस क्लिनिक में महिलाओं के प्राथमिक उपचार के साथ-साथ महिला चिकित्सक द्वारा स्तन कैंसर की जांच, हितग्राहियों को स्व स्तन जांच का प्रशिक्षण, गर्भवती महिलाओं की नियमित तथा विशेष जांच आदि की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध रहती है । गर्भवती महिलाओं की विशेष रूप से दाई-दादी क्लीनिक में एएनसी जांचें नियमित रूप से की जा रही है । यदि स्थानीय स्तर पर समस्या का निराकरण नहीं होता है तो मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के लिए रेफर भी किया जाता है ।

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