Bharat Bandh: किसान नेताओं ने कहा- दोपहर 3 बजे तक होगा चक्का जाम, मंच पर राजनीतिक नेताओं को आने की इजाजत नहीं

Bharat Bandh: नए कृषि कानूनों (News Farms Law 2020) के खिलाफ किसान संगठनों ने 8 दिसंबर यानी मंगलवार को भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. किसानों के भारत बंद को कांग्रेस समेत देश के लगभग 10 से अधिक विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है. भारत बंद को लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के समर्थन दिए जाने का किसान नेताओं ने स्वागत किया है. हालांकि उन्होंने ये भी साफ कर दिया गया है कि उनका मंच राजनीतिक पार्टियों के लिए नहीं होगा.

कृषि कानून के विरोध में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा. इसे अधिकतर संगठनों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है. सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान नेताओं ने भारत बंद को लेकर प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता में साफ कर दिया गया है कि पूरे देश में भारत बंद शांति पूर्ण तरीके से किया जाएगा. भारत बंद के दौरान सभी इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी. शादी एम्बुलेंस पर कोई रोक नहीं होगी. वहीं दूध, फल, सब्जी और अन्य वस्तुओं पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी.

किसान नेताओं ने ये भी साफ कर दिया है कि किसी व्यक्ति पर जोर जबरजस्ती या धक्का मुक्की नहीं कि जाएगी. साथ ही किसान नेताओं ने अपील की है कि भारत बंद (Bharat Bandh) में हर कोई अपना समर्थन दे. किसान नेताओं ने कहा कि दुनिया भर के नेता हमें अपना समर्थन दे रहे हैं

काले कानून’ को वापस ले सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘भारत बंद’ से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के मन की बात सुननी चाहिए और कृषि से संबंधित ‘काले कानूनों’ को वापस लेना चाहिए. पार्टी ने यह भी कहा कि ‘भारत बंद’ के दिन अगर लोगों को कोई असुविधा होती है तो इसके लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को कृषि कानूनों को रद्द करना होगा और इससे कम, कुछ भी मंज़ूर नहीं होगा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘8 दिसंबर को किसान क्रांति के समर्थन में शांतिपूर्ण भारत बंद है. हम इसका पूर्ण रूप से समर्थन करेंगे. देश के अन्नदाता से अत्याचार और अन्याय असहनीय है.’

BJP सरकार कृषि कानूनों को वापस ले या सत्ता छोड़े : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार को ‘जनविरोधी’ कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए या उसे सत्ता से हट जाना चाहिए. ममता ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘वह भाजपा के कुशासन को सहन करने या चुप रहने के बजाय जेल में रहेंगी.’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार (केंद्र की) को तुरंत कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए या सत्ता छोड़ देनी चाहिए. किसानों के अधिकारों का बलिदान करने के बाद उसे सत्ता में नहीं बने रहना चाहिए.’

दिल्ली में कड़े किये गए सुरक्षा के इंतजाम
दिल्ली पुलिस ने कहा कि भारत बंद के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. पुलिस ने चेतावनी दी कि जो भी लोगों की आवाजाही बाधित करने या दुकानों को ‘जबरन’ बंद कराने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रदर्शनकारी किसानों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है और चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी को पहुंचने वाली सड़कें बंद कर देंगे.

केंद्र का राज्यों को निर्देश
प्रदर्शनकारी किसानों के भारत बंद के ऐलान को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है.

BJP का विपक्षी दलों पर हमला
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि सुधारों के खिलाफ विपक्षी दलों के रुख के लिए उनकी आलोचना की. BJP ने विपक्षी दलों पर ‘शर्मनाक दोहरे मापदंड’ अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में उन्होंने नए कानून के कई प्रावधानों का समर्थन किया था. भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि किसानों का एक वर्ग ‘निहित स्वार्थ’ वाले कुछ लोगों के चंगुल में है और सरकार सुधारों को लेकर उनके बीच फैलाये गए भ्रम को दूर करने पर काम कर रही है. किसानों का एक वर्ग इन नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध में है.

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