रायपुर, 09 दिसम्बर 2020
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिये बनायी गयी टोकन व्यवस्था शानदार है। इसके पहले हफ्ते भर समिति में तौल के लिये इंतजार करना पड़ता था। जिससे धान की चोरी होती थी और नुकसान भी होता था। अब धान बेचने में कोई परेशानी नहीं है। इस व्यवस्था से किसान खुश हैं। यह कहना है बिलासपुर जिले के ग्राम बहतराई के किसान रामकुमार साहू का, जो समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचने के लिये खरीदी केन्द्र सरकंडा में पहुंचे थे।
लघु एवं सीमांत किसान रामकुमार साहू के पास 1.58 एकड़ जमीन है। उन्होंनेे सेवा सहकारी समिति सरकंडा स्थित खरीदी केन्द्र में 24 क्विंटल पतला धान बेचा। धान बेचने के तीसरे दिन 1888 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान बिक्री का पैसा उनके खाते में पहुंच गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत तीन किश्तों में 11 हजार रूपये मिल चुका है। रामकुमार का कहना है कि इस वर्ष उसके परिवार ने दीपावली भी बहुत अच्छे से मनाई क्योंकि दीपावली के पूर्व उन्हें तीसरे किश्त का भुगतान मिला था।
इसी तरह किसान ओमप्रकाश यादव भी छत्तीसगढ़ सरकार की धान खरीदी व्यवस्था से बहुत संतुष्ट है। उसके पास 3.5 एकड़ खेत है, जिसमें विगत दिवस उसने 37 क्विंटल धान बेचा। आज वह 14 क्विंटल धान बेचने समिति पहुंचा था। 5 क्विंटल धान उसने घर में अपने परिवार के लिये रखा है। टोकन मिलने के दूसरे दिन ही उसके धान की तौलाई हो रही है और दो दिन बाद उसको पैसा भी मिल गया। उनको 20 हजार रूपये राजीव गांधी न्याय योजना के तहत तीन किश्त में मिले हैं। यह राशि उसने अपने बच्चों की पढ़ाई पर खर्च किया है और बैंक में बचत के रूप में जमा भी कराया है। बीच-बीच में राशि मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहती है।
इसी समिति में धान बेचने आये किसान धनीराम गंधर्व ने दो एकड़ खेत में 22 क्विंटल फसल उत्पादन किया है। धनीराम ने बताया कि कल ही उसे टोकन मिला था। उसने भी व्यवस्था पर संतोष जताया। गत वर्ष बेचे गये धान के तीन किश्तों की राशि 11200 रूपय मिली है। धनीराम ने बताया कि इस बार उसने दीवाली समृद्धि पर्व के रूप में मनाया।