अजीत जोगी के जाति मामले पर कांग्रेस का पलटवार

रायपुर : अजीत जोगी के जाति मामले पर पलटवार करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अजीत जोगी जी द्वारा कांग्रेस सरकार पर जाति मामले में लगाये गये आरोप निराधार एवं तथ्यहीन है। रमन सरकार के कार्यकाल में लगातार प्रशासनिक और न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल लगाकर अजीत जोगी जी की जाति के मामले में निर्णय को बाधित किया जाता रहा। भाजपा सरकार ने निहित राजनैतिक स्वार्थो के चलते इस मामले में लगातार जोगी जी को सहयोग किया। उच्च न्यायालय में हाईपावर छानबीन कमेटी की सिफारिशों को जमा करके भी विधानसभा चुनावों के ऐन पहले रमन सिंह सरकार ने वापस लिया। भाजपा की बी टीम को मदद पहुंचाने के लिये रमन सिंह सरकार ने अजीत जोगी जी के जाति मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की स्पष्ट अनदेखी की जाती रही। छत्तीसगढ़ की जनता ने छजका और भाजपा के इस नापाक गठबंधन को बखूबी समझ कर 2018 के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह से नकार दिया था। अजीत जोगी जी का जाति मामला भाजपा और भाजपा की बी टीम की मिलीभगत का जीताजागता सबूत है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 2003 का विधानसभा चुनाव भाजपा ने अजीत जोगी के नकली आदिवासी होने के मुद्दे पर लड़ा था। चुनाव के बाद अजीत जोगी जी के नकली आदिवासी होने के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़ी गयी। सर्वोच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2011 को बिलासपुर कलेक्टर पीटिशनर वाले जिस मामले में आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय के इसी आदेश के पालनार्थ गठित हाईपावर कमेटी का फैसला आया है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि अजीत जोगी के जाति मामले में राजनैतिक लड़ाई के और न्यायिक लड़ाई लड़ने वाले सर्वोच्च न्यायालय में इंटरवेनर बनने वाले बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा को आज हाई पावर कमेटी के फैसले के बारे में अपना नजरिया साफ करना चाहिये। अजीत जोगी द्वारा जाति मामले में राजीव गांधी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी का नाम लिये जाने को गलत ठहराते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इन नामों को उपयोग करके इस मामले की न्यायिक एवं प्रशासनिक प्रक्रिया को नहीं नकारा जा सकता।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने अजीत जोगी द्वारा कांग्रेस सरकार पर लगाये गये अरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुये कहा है कि नंदीराज पर्वत मामले में ग्रामसभा की जांच और पेड़ कटाई पर रोक जैसे अहम् फैसलें कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने ही लिये है। अजीत जोगी जी के कांग्रेस पर आरोप पूरी तरह से निराधार असत्य एवं तथ्यहीन है। दरअसल छत्तीसगढ़ के आदिवासी विश्व आदिवासी दिवस पर कोंटा से बलरामपुर तक उत्साह और खुशी के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाने जा रहे है। क्या आदिवासियों की खुशियां अजीत जोगी को बर्दाश्त नहीं हो रही है? पहली बार ऐसी सरकार छत्तीसगढ़ में आयी है। जिसने आदिवासियों की खुशियों को अपनी खुशी बनाया है और विश्व आदिवासी दिवस के दिन छुट्टी घोषित की है। बस्तर सरगुजा और मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण का दायित्व कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने इन क्षेत्रों को आदिवासी नेताओं को पूरी तरह से सौपने का महत्वपूर्ण कार्य कर दिखाया है।

माधुरी पाटिल के मामले का संदर्भ आदेश 14 के पैरा क्रमांक 5, 6, 9 में दिया गया था और डे-टू-डे हियरिंग कर दो माह में जांच के आदेश दिये गये थे। रमन सिंह सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के दो माह में फैसले देने के निर्देशों के बावजूद दो साल बाद जनवरी 2013 में ले देकर कमेटी बनाई। उच्च स्तरीय जांच समिति का प्रतिवेदन दिनांक 22/04/2013 अदालत में जमा किया गया। 22.6.2013 को पूरक प्रतिवेदन उच्च न्यायालय में जमा भी किया गया। हाई कोर्ट में 18/9/2013 को आपसी सहमति से अजीत जोगी जी और रमन सिंह की सरकार के बीच समझौता कर यह प्रतिवेदन और मामला वापस ले लिया गया। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह जी की सरकार ने तो जानबूझकर प्रक्रियागत त्रुटियां करके अजीत जोगी जी के लंबे समय से लंबित जाति के मामले पर फैसले को रोका है। 

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