जाति प्रमाण-पत्र भी आधार कार्ड की तरह बनाए जाने का दिया सुझाव

रायपुर में हुई बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों को 1950 के बाद जाति प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया सरल हो और आधारकार्ड की तर्ज पर जाति प्रमाणपत्र बनाकर दिया जाए। इस आशय का सुझाव सोमवार को नगर निगम के अनुसूचित जाति एवं जनजाति सलाहकार समिति की बैठक में सदस्यों ने दिए। नगर निगम मुख्यालय में एमआईसी सदस्य सुंदर जोगी की अध्यक्षता में सलाहकार समिति की बैठक हुई। रायपुर नगर निगम सीमा क्षेत्र के ऐसे लोगों के लिए है जिनके पास वर्ष 1950 के बाद जाति प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं है। उन्हें पात्रता के अनुसार जल्द जाति प्रमाणपत्र नगर निगम से बनाकर देने की प्रक्रिया पर बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान सैद्धांतिक रूप से यह सहमति बनी है कि जल्द जाति प्रमाणपत्र नियमानुसार प्रक्रिया के तहत पात्र लोगों को दिए जाएं।

इसके लिए सभी जोन में आवेदन लेने की व्यवस्था हो। जोन से प्राप्त आवेदन को नगर निगम की एमआईसी एवं सामान्य सभा में रखा जाए। इसके बाद एडीएम कार्यालय को जाति प्रमाणापत्र बनाने शासन के निर्देश पर अग्रिम कार्यवाही करने भेजने पर सहमति बनी। इस तरह आए सुझाव बैठक के दाैरान प्रभारी सचिव एवं कार्यपालन अभियंता हरेंद्र साहू ने सलाहकार समिति को सुझाव दिया है कि जाति प्रमाणपत्र नगर निगम द्वारा बनाया जाए। उसकी मान्यता आधारकार्ड की तरह देशभर में हो। इसके लिए हरसंभव तरीके से नियम अनुकूल प्रशासनिक प्रयास किए जाएं। बैठक में ये रहे शामिल विभाग अध्यक्ष सुंदर जोगी, प्रभारी सचिव हरेंद्र साहू, सलाहकार समिति सदस्य पार्षद धनेश बंजारे, नीलम नीलकंठ जगत, जोन अध्यक्ष घनश्याम छत्री, मनीराम साहू, प्रकाश जगत, शीतल कुलदीप बोगा, एल्डरमैन सुनील छतवानी, विशेष आमंत्रित के रूप में पार्षद प्रतिनिधि राधेश्याम विभार, दुर्गाप्रसाद सिंदुर, मनीष मरकाम, सीएसठाकुर शामिल रहे।

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