प्रदेश के 35 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने तीन दिनों तक चलेगा अभियान

रायपुर, 29 दिसम्बर 2020। प्रदेशभर में पल्स पोलियो अभियान 17 से 19 जनवरी 2021 के बीच आयोजित किया जाएगा। इस दौरान शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को दो बूंद जिंदगी की यानी पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है जिसके तहत टीकाकरण केंद्रों में 17 जनवरी को बूथ पर व 18 और 19 जनवरी को घर- घर जाकर छूटे हुए बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी ताकि कोई भी बच्चा दवा पीने से वंचित न रहे। स्वास्थ्य विभाग ने ऑनलाइन बैठक आयोजित कर जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी को पल्स पोलियो अभियान के बारें में अभी से प्रचार-प्रसार की गतिविधियों को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। तीन दिनों तक चलने वाले पल्स पोलियो अभियान को लेकर सभी ब्लॉक में माइक्रो प्लान तैयार कर 5 साल तक के बच्चे को पोलियो उन्मूलन से जोड़ा जाएगा । माइक्रो प्लान के तहत ही टीकाकरण का अभियान बूथ स्तर पर चलेगा।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ अमर सिंह ठाकुर ने बताया, “प्रदेश के 35 लाख बच्चों को दवाई पिलाने के दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन का ख्याल रखा जाएगा। प्रदेश में एक राउंड पोलियो टिकाकरण चलाने के लिए लक्ष्य से मुंबई डिप्पो से 10 प्रतिशत अधिक 45 लाख डोज़ स्टोर कर लिया गया है। डॉ ठाकुर ने बताया , राज्यभर के 680 जिला अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के कोल्ड चैन में 45 लाख डोज़ स्टोर कर लिया गया है। बचाव से संबंधित उपायों का पालन करते हुए स्वास्थ्यकर्मी दवा पिलाएंगे और खुद के साथ-साथ दूसरों का भी कोविड-19 से सुरक्षा का ख्याल रखेंगे। 17 से 19 जनवरी 2021 तक चलने वाले पल्स पोलियो अभियान को लेकर राज्य स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की वर्चुवल मीटिंग जल्द ही आगामी एक दो दिनों में आयोजित की जाएगी। बैठक में रणनीति तैयार कर विभागीय पदाधिकारियों, सभी जिला टीकाकरण अधिकारी व अन्यकर्मियों के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी किया जाएगा”।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ अमर सिंह ठाकुर का कहना है आगामी 17 जनवरी से पहले कोविड-19 का वैक्सीन की खेप आने पर प्रदेशभर के कोल्ड चैन पॉइंट में अलग से डीप फ्रीजर और आई एल आर मशीनों में टेम्प्रेचर मेंटेन करते हुये अलग से स्टोर करने की व्यवस्था कर ली गई है। पोलियो अभियान में कोविड-19 से सुरक्षा के लिए मास्क , सेनेटाइजर व 6 फीट दूरी के नियमों का पालन करना भी जरूरी है। राज्यभर के 15000 पोलियो टीकाकरण बूथ में स्वास्थ्य कर्मियों को हेंड ग्लाब्स लगाने के साथ पोलियो की दवाई पिलाने से पहले बच्चों का टेम्प्रेचर जांच करना जरूरी होगा। इस बार बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाते वक्त विशेष सावधानी बरती जा रही है। कोरोना संक्रमण को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसका पालन किया जा रहा है। बच्चों में कोरोना का संक्रमण नहीं हो, इसे लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। बूथों की मॉनिटरिंग के लिए 5 अधिकारी व जिलों को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 15 अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। बूथ में किसी प्रकार की लापरवाही न हो इसके लिए मॉनिटरिंग अधिकारी लगातार बूथों का मुआयना करते रहेंगे।
डॉ ठाकुर ने बताया पोलियो अभियान की ड्यूटी में लगे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन समेत स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर पांच वर्षों तक के छूटे बच्चों को बच्चों को पोलियो की दो बूंद दवा पिलाऐंगे। साथ ही दवा पिलाने के बाद बच्चों का नाम, बच्चे के माता-पिता का नाम, गृह संख्या आदि विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए फॉर्मेट में भरेंगे। साथ ही बाहर गये बच्चों का भी पूरी जानकारी लेकर फॉर्मेट में भरेंगे और देर शाम तक रिपोर्ट स्थानीय पीएचसी में जमा करेंगे। पल्स पोलियो अभियान के तहत एक भी बच्चा नहीं छूटे, इसके लिए विभाग द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही है। दरअसल, एक भी बच्चा छूटने पर वायरस फैलने का प्रबल संभावना रहता है। इसको लेकर प्रदेश के चौक-चौराहे, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर दवा पिलाने 30,000 टीम कर्मियों की तैनाती की जाएगी।

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