कोरबा जिले में 10 आदर्श गौठान और 88 गौठानों का हुआ निर्माण

रायपुर :  कुछ समय पहले इधर-उधर भटकने वाले गांव के मवेशियों के पास कोई निश्चित ठिकाना नहीं था, न ही पर्याप्त चारा, पानी और धूप से बचने के लिए कोई छायादार जगह थी। घर से चरने के लिए बाहर निकलते ही गायों को चारा-पानी तथा आराम के लिए भटकना पड़ता था। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा ग्राम सुराजी योजना अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के माध्यम से गांव-गांव गौठान का निर्माण किया गया। इन गौठानों में पशुओं के लिए न सिर्फ चारा, पानी की व्यवस्था की गई है। इन्हें धूप से बचाने छांव एवं बीमारी से बचाने नियमित स्वास्थ्य जांच एवं उपचार की भी व्यवस्था की गई है। रात्रि में गौठानों में प्रकाश की व्यवस्था भी है। गौठानों में पशुओं के लिए की गई आवश्यक व्यवस्था एवं दी गई सुविधाओं का ही परिणाम है कि अब जिले के सभी गौठानों में नियमित रूप से पशुओं का आना-जाना शुरू हो गया है। जिले के सभी गौठान पशुओं से गुलजार होने लगे है। कोरबा जिले में कुल 88 गौठानों का निर्माण सभी पांच विकासखंड में किया गया है। कुल 10 आदर्श गौठान भी बनाये गए हैं।
छत्तीसगढ़ शासन की पहल पर गौठानों का निर्माण जिले में किया गया है। इन गौठानों में पशुओं के लिए चारा, पानी, छांव, स्वास्थ्य जांच आदि की व्यवस्था की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 88 गौठानों में 26 हजार से अधिक मवेशियां पहुंच रहे हैं। सबसे अधिक 459 मवेशी कटघोरा विकासखंड अन्तर्गत ग्राम रंजना के गौठान में पहुंच रही है। कटघोरा विकासखंड के ही ग्राम अरदा में 441, सेंद्रीपाली में 446, कोरबा विकासखंड के ग्राम पहन्दा में 408, ग्राम नकटीखार में 437, ग्राम बासीन में 448, कटबितला में 411 मवेशी पहुंच रहे हैं। गौठानों का चयन आसपास के ग्रामों में गायों की संख्या के आधार पर किया गया है। गौठानों में आने वाले पशुओं के चारा आदि की व्यवस्था के लिए चारागाह का निर्माण भी कराया गया है। नेपियर घास के अलावा पशुओं के लिए अन्य चारा की व्यवस्था की गई है। कुल 88 गौठानों हेतु 556 एकड़ से अधिक रकबा में चारागाह का निर्माण कराया गया है।
बाड़ी निर्माण कर किसान बन रहे आत्मनिर्भर
ग्राम सुराजी योजनान्तर्गत किसान बाड़ी निर्माण कर आत्मनिर्भर बनते जा रहे हैं। कोरबा जिले में 18 हजार 730 हितग्राही हैं। जिन्होंने लगभग 16 हजार 812 बाड़ी का निर्माण कर साग-सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं। किसान उद्यानिकी विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में सब्जी का उत्पादन कर स्वयं के उपयोग के पश्चात बाजार में विक्रय कर रहे हैं। विकासखंड पोंड़ी उपरोड़ा के ग्राम भांवर के किसान बसोहर लाल एवं संतलाल ने उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में अपने बाड़ी में भिंडी सब्जी लगाया है। इन किसानों को उम्मीद है कि उनके बाड़ी में भिंडी सब्जी का अच्छा उत्पादन होगा और उसे बेचकर आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
जैविक खाद का फसलों पर होने लगा उपयोग
जिले में घुरवा संवर्धन अंतर्गत 18 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। कृषि विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में जैविक खाद का निर्माण कर सब्जी एवं फसल उत्पादन में उपयोग किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच हजार 387 भू-नाडेप, 245 नाडेप टांका, 90 वर्मी टांका, एक हजार वर्मी बेड तथा आठ हजार सात सौ स्वप्रेरित घुरवा उन्नयन का कार्य किया गया है।

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