जहां नाइट पार्टियां, वहां पहुंच ही नहीं पाती पुलिस……

रायपुर। राजधानी में पुलिस की सख्ती और चौकसी के बाद भी वीआईपी रोड और अन्य इलाकों के बड़े होटलों-पब और क्लबों में नाइट पार्टियों के आयोजन पर रोक नहीं लग पा रही है। छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में होटल संचालक आयोजकों से मिलकर बगैर किसी परेशानी के पार्टी आयोजित कर रहे हैं। नाइट पार्टियां प्रशासन द्वारा निर्धारित समय के बाद भी देर रात तक चल रही हैं जिसमें ग्राहकों को शराब और हुक्का के अलावा दिगर नशा भी परोसा जा रहा है। इन आयोजनों के दौरान पुलिस अंदर दाखिल भी नहीं हो पाती, पुलिस वाला अगर कोई पहुंचता भी है तो छुटभैय्ये नेता खुद ही बाहर आकर उनका आवभगत कर सब कुछ सामान्य होने का झूठा भरोसा दिलाकर रवाना कर देते हैं। इसके बाद बाउंसरों की तैनाती के बीच नाइट पार्टी पूरी शबाब में पहुंचती है। ऐसी पार्टियों के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिससे पार्टी के कलेवर को पहचाना जा सकता है। नए साल के आगाज वाली रात भी पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी नाइट पार्टियों को समय पर बंद नहीं करा पाए और दिखावे के लिए आयोजित कैंडल नाइट डिनर के बाद कई होटलों और पबों में देर रात तक पार्टियां चलती रही जिसमें शराब और नशा भी परोसा गया।

रेव पार्टियों में नशे का इस्तेमाल : रेव पार्टियों में नशे का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है। मुंबई से रायपुर लाए गए में एमडीएम के रूप में बेचे जाने वाले टैबलेट का नशे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ड्रग्स लेने वालों को होश नहीं रहता है। कुछ लोग पॉपर्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसे सांस के माध्यम से लिया जाता है। तेज संगीत के बीच नशे का सेवन कर ये लोग नाचते है। लेकिन अधिकतर जगहों पर ऐसे नशे का इस्तेमाल प्रतिबंधित होता है। अधिकांश जगहों पर अवैध रेव पार्टियों में ही जमकर ड्रग्स और मादक पर्दाथों का इस्तेमाल होता है। जिनमें कोकीन, चरस के अलावा एमडीएम, मॉर्फिन और अन्य नशे की गोलियां भी शामिल होती हैं।

समय ने युवाओं को नशे की ओर धकेला : बदलते माहौल ने युवा पीढ़ी को नशे की ओर धकेलने में खूब मदद की है। वैेसे युवा पीढ़ी में नशे की शुरूआत फैशन और स्टाइल से शुरू होती है और धीरे धीरे युवा इसका गुलाम बनता चला जाता है पता ही नहीं चलता। शराब और सिगरेट पीना युवा पीढ़ी का शौक है। उन्हें लगता है हम समाज में उच्च स्तर के दिखते हैं यदि पार्टी में एक हाथ में शराब का गिलास और दूसरे हाथ में धुआं उछालती सिगरेट हो। कभी कभी ये नशे युवाओं को इतनी दूर ले जाते हैं वहां से वापिस लौटना उनके लिए मुश्किल हो जाता है।

बारों में समय सीमा के बाद भी परोसी जा रही शराब : कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन द्वारा बार के खोले व बंद करने का समय निर्धारण किया गया है। फिर भी शहर के बहुत सारे के ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां पर आधी रात के बाद शटर के नीचे से शराब पार्सल की सुविधा और अवैध बिक्री कर रहे है। ज्यादातर रिंग रोड नंबर 1 के पेट्रोल पंप के पास स्थित बार में शराब बेचे जा रहे है। दुकानदार शराब बेचने और खरीदने वाले दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं। इसके अलावा उन थाना क्षेत्र के पेट्रोलिंग टीम और थानेदार को भी ऐसी जगहों की जानकारी होती है। बैखोफ होकर शराब बेच रहे है। जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं। अधिाकंश रात के अंधेरे में शराब का अवैध कारोबार करने वाले कई बार पुलिस के साथ भी दिखते हैं। यही वजह है कि शराब का अवैध कारोबार पूरे राजधानी में चरम पर होने के बाद भी कार्रवाई की खानापूर्ति की जाती है।

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