मकर संक्रांति के ये चमत्कारी टोटके आपके जीवन में लाएंगे सुख-शांति और समृद्धि

हमारे शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन किए गए उपाय और दान का बहुत ज्यादा महत्व होता है। और इसका हमारे जीवन में महत्वपूर्ण फल मिलता है। मकर संक्रांति के दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी और बाजरा की खिचड़ी व तिल आदि का दान विशेष रुप से फलदायी माना गया है। तो आइए जानते हैं मकर संक्रांति के विशेष चमत्कारी टोटकों के बारे में।

मकर संक्रांति के विशेष चमत्कारी टोटके विष्णु धर्मसूत्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन तिल का अधिक से अधिक प्रयोग करें। पितरों की शांति हेतु जल से भरे हुऐ लोटे में काले तिल डालकर आप तर्पण करें। आरोग्य, सुख एवं समृद्धि के लिए तिल का प्रयोग करें। तिल के जल से आप मकर संक्रांति के दिन स्नान करें। मकर संक्रांति के दिन आप तिल दान करें। मकर संक्रांति के दिन आप तिल से मिश्रित भोजन करें। मकर संक्रांति के दिन आप स्नान से पूर्व तिल के तेल से मालिश करें। तिल का उबटन लगाने से समस्त पाप भी नष्ट होते हैं। मकर संक्रांति के दिन गरीबों को आप यथासंभव भोजन करवाएं। ऐसा करने से कभी भी आपके घर में अन्न और धन की कमी नहीं होगी। शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित करने से बहुत ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन खिचड़ी, तिल, गुड़ और पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाने से भी भगवान सूर्य शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं। मकर संक्रांति के दिन साफ लाल वस्त्र में गेहूं और गुड़ बांधकर किसी जरुरतमंद अथवा किसी ब्राह्मण को दान देने से भी आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तांबा सूर्य की धातु माना गया है। इसलिए मकर संक्रांति के दिन तांबे का सिक्का या तांबे का टुकड़ा बहते हुए जल में प्रवाहित करने से कुंडली में सूर्य के दोष समाप्त हो जाते हैं। और सूर्य आपकी कुंडली में मजबूत हो जाते हैं और आपको शुभ फल प्रदान करने लगते हैं। तिल युक्त जल पितृों को देना, अग्नि में तिल से हवन करना, तिल खाना, खिलाना एवं दान करने से आपको किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत नहीं आएगी। मकर संक्रांति के दिन पितृों के लिए तर्पण करने का विधान भी है। इस दिन भगवान सूर्य को जल देने के पश्चात अपने पितृों को भी उनका स्मरण करते हुए तिल युक्त जल से तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। एवं जातकों पर उसके पितृों का सदैव आशीर्वाद बना रहता है। मकर संक्रांति के दिन राजा भागीरथ ने अपने पितृों की आत्माओं की शांति के लिए उनका तर्पण किया था। इस दिन पितृों के निमित्त किए गए तर्पण से पितृ बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होते हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन में कोई भी कमी नहीं आती है। और आपके जीवन में आप पर कभी भी कोई संकट नहीं आता है। और आपको हर तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।

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