बैकुंठपुर : बैकुंठपुर कोरिया राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडा आजकल मनाया जा रहा है जिसका मूल उद्देश्य दृष्टिहीनता कि दर को घटाकर वर्ष 2020 तक 0.3 प्रतिशत पर लाना है । विकासशील देशों में प्रमुख रूप से दृष्टिहीनता स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बड़ी समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कार्निया की बीमारियां (कार्निया का नुकसान जो की आंख की अगली परत होती है) मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के बाद होने वाली दृष्टि हानि के प्रमुख कारणों में से एक है ।
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके विभिन्न अंगों को दान किया जा सकता है तथा उन रोगियों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है जिनको आवश्यकता है । ऐसे ही एक अंग ‘आंख’ है । मृत्यु के बाद नेत्रदान से क्षतिग्रस्त कार्निया की जगह पर नेत्रदाता के स्वस्थ कार्निया को प्रत्यारोपित किया जाता है । कार्निया प्रत्यारोपिण द्वारा दृष्टिहीन व्यक्ति फिर से देख सकता है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामेश्वर शर्मा (कोरिया) के निर्देशानुसार नेत्रदान पखवाड़े के तहत जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी विकासखंडों में दिनांक 4 सितंबर को जागरूकता रैली का आयोजन किया जायेगा इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ.आरएस सेंगर नेत्र चिकित्सक एवं जिला नोडल अधिकारी अंधत्व समिति ने बताया कि जागरूकता रैली सुबह 9 बजे जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर से शुरू होकर शहर के प्रमुख चौक चौराहों से गुजर कर वापस अस्पताल में खत्म होगी ।
रैली का उद्देश्य नेत्रदान के महत्व को समझाना है ताकि लोग नेत्रदान को महादान समझे और अधिक से अधिक संख्या में नेत्रदान के लिए पंजीयन करावें जिससे जरूरतमंद लोगों की जिंदगी में खुशियां आ सके । रैली के द्वारा जन समुदाय में नेत्र स्वास्थ्य पर ध्यान आकर्षित करना भी है ।
नेत्रदान जागरूकता के संबंध में जिले की सभी विकासखंड-बैकुंठपुर,सोनहत खडगवां मनेंद्रगढ़ और भरतपुर में शाला स्तर पर छात्र-छात्राओं के आंखों का निशुल्क चेक-अप कैंप चलाया जा रहा है एवं जरूरतमंद छात्रों को चश्मे भी प्रदान किए जा रहे हैं । साथ ही छात्रों के उत्साहवर्धन के लिए निबंध और भाषण का आयोजन भी किया जा रहा है । रैली में सभी स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ सभी नेत्र सहायक और कर्मचारी भी रहेंगे । नेत्रदान पखवाडा 25 अगस्त से शुरू हुआ है जो 8 सितंबर तक चलेगा।
क्या है नेत्रदान का तरीका
नेत्रदान मृत्यु के 6 घंटे के भीतर हो जाना चाहिए ।
नेत्रदान की सुविधा घर पर भी निशुल्क दी जाती है ।
नेत्रदाता को मृत्यु पूर्व एडस, पीलिया, कर्करोग, रेबीज, हेपेटाइटिस तथा सर्पदंश जैसी बीमारी है तो नेत्रदान के लिए अयोग्य माने जाते हैं ।
नेत्र ऑपरेशन पश्चात तथा चश्मा पहनने वाले व्यक्ति भी नेत्रदान कर सकते है । मधुमेह के मरीज भी नेत्रदान कर सकते हैं ।
नेत्रदान हेतु अपने नजदीक के नेत्र बैंक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं।