नव-विवाहितों के लिए क्यों खास होती है लोहड़ी? यहा जानें पूजन विधि

नई दिल्ली:   हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी (Lohri 2021) का पर्व मानाया जाता है. यूं तो यह पंजाबियों का मुख्य त्योहार है लेकिन भारत में इसे सभी जगह काफी हर्षोल्लास से मनाया जाता है. लोहड़ी हर साल 13 जनवरी को मनाई जाती है. लोहड़ी को लाल लाही, लोहिता व खिचड़वार नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं लोहड़ी की पूजन विधि और और पूजन सामग्री के बारे में

लोहड़ी के दिन भगवान श्रीकृष्ण, अग्निदेव और आदिशक्ति की पूजा की जाती है.

– इस दिन घर की पश्चिम दिशा में आदिशक्ति की प्रतिमा स्थापित करें.

– प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

– प्रतिमा पर सिंदूर और बेलपत्र चढ़ाएं.

– प्रसाद में भगवान को तिल और लड्डू का भोग चढ़ाएं.

– सूखा नारियल में कपूर डालकर जलाएं.

– अग्नि जलाकर उसमें तिल के लड्डू , मक्का और मूंगफली डालें .

– इसके बाद अग्नि की 7 बार परिक्रमा करें.

नव- विवाहितों के लिए लोहड़ी का महत्व

नव-विवाहित जोड़ों के लिए लोहड़ी का त्योहार काफी खास माना जाता है. इस दिन नई-शादी वाली लड़कियां दुल्हन की तरह तैयार होती हैं. इसके बाद वह पूरे परिवार के साथ लोहड़ी की पूजा में शामिल होती हैं. जिसके बाद बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया जाता है.

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