नौ रत्नो मे ‘नीलम’ रत्न की विशेषता

卐 जय महाकाल 卐

प्रिय पाठको,

रत्नों की श्रृंखला में हम आगे बढ़ते हुए आज शनि ग्रह के रत्न नीलम के बारे में जानेंगे।

शनि ग्रह जिसका नाम सुनकर के ही लोगों के अंदर में एक भय बन जाता है आइए जानते हैं कि शनिदेव और उनका रत्न कैसे धारण करें शनि देव न्याय प्रिय देव माने गए हैं भगवान शिव ने शनि देव को दंडाधिकारी की पदवी प्रदान की है शनि देव जीते जी व्यक्ति के जीवन में उनकी गलतियों पर न्याय प्रियता का संज्ञान लेते हुए दंड देते हैं विशेषकर शनि देव अपनी ढैया तथा साढ़ेसाती एवं दशा में अपना विशेष प्रभाव दिखाते हैं।

शनि देव जनता के कारक ग्रह माने जाते हैं जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि देव मजबूत स्थिति में होंगे जनता का रुझान उनकी और ज्यादा होता है शनि देव को गरीबी दुख और अपंगता का कारक ग्रह माना गया है जो व्यक्ति निम्न वर्ग की श्रेणी में आता है अथवा नीच जाति या मजदूर वर्ग चालक किसी भी प्रकार से वाहन से संबंधित चालक वर्ग रोज कमाने वाले मजदूर भीख मांगने वाले लोग तथा वृद्ध बूढ़े लोग यह सब लोग शनि देव के कारक प्रभाव में आते हैं जब भी शनिदेव की दशा आती है तो लोगों को अपने किए हुए गलत कार्यों का फल अवश्य मिलता है।

शनि देव को दरिद्रता का कारक भी माना गया है शनिदेव खराब स्थिति में व्यक्ति को जेल में भी पहुंचा देते हैं शनि देव को छप्पर फाड़कर देने वाला ग्रह माना गया है किंतु शनि देव एक न्याय प्रिय देवता माने गए हैं जो व्यक्ति गरीबों वृद्धों अपगो तथा अपने माता एवं पिता की सेवा एवं आदर भाव रखता है शनिदेव उससे पसंद रहते हैं।

शनि देव का राजनीति में बहुत बड़ा योगदान माना गया है लोगों की भीड़ जुटाने का काम शनिदेव का है शनि से प्रभावित व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक मेहनत हर समय बनी रहती है जब जब व्यक्ति के जीवन में साढ़ेसाती शनि की महादशा अथवा अंतर्दशा का प्रभाव रहता है व्यक्ति के हर कार्यों में तथा देरी बनी रहती है ऐसे समय में व्यक्ति को प्रत्येक कार्यों में रुकावट के साथ-साथ सफलता मिलती है।

शनि देव को न्यायप्रिय ग्रह माना गया है जब भी कोई व्यक्ति अपने जीवन में किसी अन्य व्यक्ति के साथ धोखा धड़ी जालसाजी अथवा चोरी या किसी भी प्रकार का कोई बुरा कर्म करता है तो शनि देव उसे दंड अवश्य देते हैं और यह दंड उस व्यक्ति को शनिदेव की दशा तथा साढ़ेसाती में मिलता है।

जिस प्रकार से यमराज को मरने के बाद दंड देने का अधिकार प्राप्त है उसी प्रकार से शनि देव को भगवान शिव ने व्यक्तियों के जीवन में जीते जी बुरे कर्मों के आधार पर अथवा शुभ कर्मों के आधार पर उन्हें दंड देने का अधिकार प्रदान किया है इस हेतु शनि देव का भी व्यक्ति के जीवन में असर ज्यादा पाया जाता है अर्श से फर्श तक तथा फर्श से अर्श तक भी व्यक्ति को पहुंचाने की क्षमता शनिदेव के पास में है।

अब बात आती है शनि देव के रत्न की कि कैसे धारण किया जाए नीलम रत्न को जातक को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए नीलम रत्न एक ऐसा रत्न है जो एक गलत व्यक्ति के द्वारा जिसकी कुंडली में शनि देव स्थिति अथवा योगकारक एवं कारक स्थिति में नहीं है उन्हें भूल कर भी शनिदेव का प्रिय रत्न नीलम नहीं धारण करना चाहिए अगर किसी ने गलती से गलत रूप से नीलम धारण कर लिया है तो उसके साथ दुर्घटना गरीबी तथा हर कार्यों में असफलता प्राप्त होने के साथ-साथ भयंकर दुष्परिणाम भी भोगने पड़ सकते हैं।

जिस जातक की कुंडली में शनिदेव योगकारक हैं अथवा कारक हैं शुभ फल देने वाले हैं केवल उन्हें ही शनिदेव का रत्न नीलम धारण करना चाहिए अगर कुंडली में शनिदेव किसी भी प्रकार के कमजोर स्थिति में है किंतु नीच राशि के अथवा शत्रु राशि के एवं छठे एवं बारहवें भाव में बैठे नहीं होने चाहिए और ध्यान देने की विशेष तौर पर बात यह है कि वह कुंडली में योग कारक अथवा शुभ कारक होना जरूरी है बिना शुभ फल का रखें शनिदेव का रत्न भूल कर के भी धारण नहीं करें अन्यथा दुर्घटना के साथ-साथ जेल योग् तक बन सकता है एवं दरिद्रता और मानसिक अवसाद तथा तमाम प्रकार के संघर्ष एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

शनिदेव का प्रिय रत्न नीलम धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिष को अपनी कुंडली अवश्य दिखाएं अपने नाम राशि के आधार पर अथवा किसी अन्य आधारों पर शनिदेव का रत्न धारण नहीं करें कुंडली के आधार पर ही शनिदेव का रत्न धारण करें अथवा हस्तरेखा विशेषज्ञ के आधार पर धारण करना चाहिए।

शनिदेव के कोप से बचने के लिए हमेशा शुभ कर्म करना चाहिए न्याय हर कार्य में आपके होना जरूरी है अगर आप शनि देव के शुभ फलों को प्राप्त करना चाहते हैं तो एक योग्य ज्योतिष से सलाह लेकर अपने कुंडली में शनी की शुभ स्थिति के आधार पर नीलम रत्न धारण कर सकते हैं नीलम रत्न को चांदी में धारण करना चाहिए तथा मध्यमा उंगली में दाहिने हाथ में शनिवार को शनि की होरा में धारण करना चाहिए।

अगर आप भी अपनी कुंडली के आधार पर किसी भी रत्न से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं अथवा धारण करना चाहते हैं तो आप मेरे नीचे लिखे हुए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं रत्नों हेतु समस्त जानकारी के लिए मेरे द्वारा दिया गया परामर्श पूर्ण रूप से निशुल्क रहेगा केवल रत्नों से संबंधित जानकारी आप मुझसे निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।

Astro Raju chhabra(devendre singh)

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