कृषक साधू राम ने खरीदा एक लाख रुपए का अंशदान  

रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जिला कोण्डागांव के ग्राम कोकोड़ी में प्रस्तावित महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट माँ दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण केन्द्र एवं विपणन सहकारी समिति मर्यादित हेतु कोण्डागांव जिले के कृषको को समिति सदस्य बनाने के प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आ रहे है। बड़ी संख्या में किसान सहकारी समिति में पंजीयन कराने सामने आ रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में किसानों को बताया जा रहा हैं कि मक्का प्रसंस्करण केन्द्र के समिति सदस्य बनने से उन्हें क्या फायदे होंगे, लाभांश क्या होता है, मक्का के क्रय-विक्रय में कितनी बढ़ोतरी होगी। साथ ही जिला प्रशासन किसानो को जागरुक करने के लिए जिला अधिकारियों को सभी विकासखण्डों का नोडल बनाया है और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों, पटवारियों, सचिवो को कृषक पंजीयन के लक्ष्य दिया गया है। हाट-बाजारों में कृषक पंजीयन हेतु विशेष शिविरों का आयोजन कर जागरूक करने का कार्य किया। साथ ही कला जत्था दल के माध्यम से मक्का पंजीयन के संबंध में मनोरंजक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी मंचन किया जा रहा है। 
 इस संपूर्ण कवायद के फलस्वरुप जिले के किसान मक्का प्रोसेसिंग प्लांट को वास्तव में एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देख रहे है, जो न केवल उनकी फसल का सही और अच्छा मूल्य देगा बल्कि इसके लाभांश में भी उन्हें हिस्सेदारी मिलेगी, जो पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती जाएगी। इसका सीधा लाभकारी असर उनकी आर्थिक, सामाजिक, व्यवसायिक, पारिवारिक परिस्थितियों पर पड़ेगा। इस प्रकार जिले के कृषि क्षेत्र से जुड़ा हुआ एक बहुत बड़ा तबका इससे लाभान्वित होगा। कृषक पंजीयन हेतु प्रशासनिक प्रयासों के बीच अब स्थिति ऐसी नजर आ रही है कि कृषको का एक बड़ा वर्ग न केवल पंजीयन करा रहा है बल्कि सर्वाधिक राशि सहित अंशदान का विक्रय कर रहा है।
वर्तमान में पंजीयन कराने वाले दूरस्थ गांवो के रहवासी किसानों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है इनमें 50 हजार के शेयर खरीदने वाले कृषको में ग्राम चरकई के रैनूराम, ग्राम खलारी के परदेशी मरकाम, ग्राम लंजोड़ा के इतवारिन बाई, ग्राम अरण्डी की हेमबाई, ग्राम चिचपोलंग के दो कृषको पंचूराम एवं पंचम आदि के नाम शामिल है। इसके साथ ही ग्राम चरकई के ही मझोले दर्जे के कृषक साधू राम ने तो एक लाख रुपये का अंशदान खरीदकर दूसरे कृषको के समक्ष एक उदाहरण बना और इसी गांव के एक वयोवृद्ध पेंशनधारी 80 वर्षीय कृषक दल्लू कोर्राम ने अपने 5 हजार की बचत पूंजी से शेयर खरीदकर क्षेत्र किसानों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
 इन सभी कृषको का मानना है कि मक्का प्रसंस्करण केन्द्र की समिति का सदस्य बनना उनके और उनके परिवार के भविष्य के लिए लाभदायक तो होगा ही इसके साथ ही उन्हें अब अपनी फसल को हाट-बाजार अथवा बिचैलियों को बेचने की जरुरत नहीं रहेगी। इसके अलावा उनके गांव के समीप ही उनकी फसल का बढ़िया मूल्य उन्हें प्राप्त होगा इसमें दूरी अथवा परिवहन का कोई झंझट ही नहीं रहेगा। साथ ही कृषको की सहकारी समिति होने से उन्हें बोनस इत्यादि का एक मुश्त फायदा होने वाला है। अब तो वे दूसरे किसानो को भी पंजीयन कराने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रहे है। कुल मिलाकर मक्का प्रसंस्करण केन्द्र कृषको को शेयरधारी बनाने के प्रयासों के अब बेहतर नतीजे सामने आ रहे है निःसंदेह मक्का प्रसंस्करण केन्द्र के निर्माण से स्थानीय हजारो किसानों के जीवन के हालात तो बदलेंगे ही साथ ही इस प्रसंस्करण केन्द्र से देश और राज्य के नक्शे में जिला कोण्डागांव अपनी अलग छवि बनाएगा।
ज्ञातव्य है कि जिले में अब तक 65 हजार किसानो में से 36 हजार किसानों का प्रसंस्करण केन्द्र हेतु पंजीयन कराया जा चुका है। कुल 136 करोड़ रुपये लागत के प्रसंस्करण केन्द्र के निर्माण के लिए 93 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा प्रदाय किया जा रहा है जबकि शेष राशि स्थानीय किसानों को सदस्य बनाकर जुटाई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *