इटली में पिछले तीन दशकों का सबसे बड़ा और अहम नार्को ट्रायल (Italy’s Largest Trial) शुरू हुआ है. इटली की जीडीपी (Italy GDP) में करीब 5 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले ड्रग माफिया एन्ड्रांगेटा (Drug Cartel Ndrangheta) के खिलाफ ऐतिहासिक ट्रायल इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि हत्या, मनी लॉंड्रिंग, भ्रष्टाचार और ड्रग्स संबंधी आरोपों से करीब 350 माफियाओं की किस्मत का फैसला होना है. इस पर कई डॉक्युमेंट्रीज़ (Documentary) और कुछेक शो भी सामने आ चुके हैं और आगे भी आने वाले हैं. ड्रग माफिया के गढ़ रहे इटली और मेक्सिको की कहानियां (Drugs Trade in Mexico) दुनिया भर में चाव से सुनी जाती रही हैं.
गॉडफादर. यही वो पहली किताब और फिल्म थी, जहां से नार्को माफिया की कहानियों में दुनिया की दिलचस्पी शुरू हुई थी. इटली के कुख्यात नार्को माफिया पाब्लो एस्कोबार के जीवन से प्रेरित इस कहानी ने ड्रग्स कारोबार की वो परतें दिखाईं, जिनके प्रति आकर्षण का दौर शुरू हुआ. इसके बाद हॉलीवुड समेत दुनिया और भारत में भी इस विषय पर कहानियां सामने आईं. वेब सीरीज़ के समय में
यूथ की पसंद और नशा
क्या कारण हैं कि इन कहानियों को यूथ इतना पसंद करता है? इस सवाल का जवाब तलाशते हैं. ‘जब आप नशा करते हैं, तब अपने आप को समझ पाते हैं’ – प्रसिद्ध गायक बॉब मार्ले. मार्ले अकेला कलाकार नहीं था, जिसने नशे के पक्ष में इस तरह की बात कही हो या गीत रचे हों. हिंदोस्तान की शायरी परंपरा में नशे को लेकर काफी चर्चा रही है. पश्चिमी साहित्य में भी ये विषय अछूता नहीं रहा.
1950-60 के दशक के बाद एक लहर दुनिया भर में चली और नशे या ड्रग्स के प्रति आकर्षण इतना बढ़ा कि कई बैंड और स्टार कलाकारों ने इस विषय पर बेहतरीन गीत संगीत तैयार किए. कुछ गायकों की तो ज़िंदगी तक नशे की भेंट चढ़ गई. लेकिन, फैन्स का प्यार उन्हें हमेशा मिलता रहा. यही समय था, जब दुनिया में ड्रग्स का कारोबार और नार्को माफिया की कहानियां खुलकर सामने आने लगी थीं. आइए समझें कि नशे या ड्रग्स कारोबार से जुड़ी कहानियां यूथ फैन्स को क्यों आकर्षित करती हैं.
खुद से साक्षात्कार या पलायन?
जीवन में समस्याओं और संघर्ष से जूझने की शुरूआत युवावस्था में होती है और ये संघर्ष कई किस्म के तनावों को जन्म देता है. विज्ञान कहता है कि ड्रग्स में ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो स्ट्रेस कम करने, याददाश्त कम करने, कुछ केमिकल रिएक्शनों के कारण शरीर व दिमाग को शिथिल करने और यहां तक कि सोच न पाने तक की तासीर पैदा कर देते हैं. इसे शायद मार्ले ने खुद को समझ पाना या खुद से साक्षात्कार होना कहा.पसंद किया जाता है, तो बॉलीवुड में तो ड्रग्स कनेक्शन का आपराधिक मामला तक चर्चा में बना हुआ है.
दूसरी ओर, ड्रग्स माफिया से जुड़ी कहानियों के पात्र नशा करते हुए काफी कूल दिखते हैं. वो अपने जीवन में वो करते हुए नज़र आते हैं, जो वो करना चाहते हैं. इस तरह के पात्र मनोवैज्ञानिक असर पैदा करते हैं. आप ऐसे किसी पात्र की जगह खुद को इमैजिन करते हैं और आसान रास्ता यही दिखता है कि वह पात्र जो नशा कर रहा है, वही सही है. इसके दूरगामी नतीजों के बारे में आप नहीं सोच पाते.
ग्लैमर, दौलत का शॉर्टकट या अपराध?
ड्रग्स कारोबार से जुड़ी कहानियों में अक्सर ऐसे पात्र दिखाई देती हैं, जिनके पास दौलत की कमी नहीं होती. ड्रग्स के धंधे में बहुत मुनाफा है, ड्रग्स माफिया के पास कई देशों में संपत्ति होती है और छोटे मोटे ड्रग्स पैडलर के पात्र भी ऐसी लाइफस्टाइल जीते दिखते हैं, जो एक सामान्य वर्ग के युवा के बस में नहीं होती. ये कहानियां ड्रग्स के ज़रिये खज़ाने की चाबी की तरकीबें दिखाकर युवा मन में अपराध के प्रति आकर्षण पैदा करती हैं.
ड्रग्स कारोबार से जुड़ी कहानियों के कैरेक्टर चकाचौंध वाली दुनिया में दिखते हैं. बड़ी पार्टियां, आलीशान बंगले, गाड़ियां, गैजेट्स और सेक्स व अय्याशियों के तमाम चित्रों के बीच ऐसे पात्रों के जीवन में न तो खूबसूरत महिलाओं की कमी होती है, न ही सत्ता से जुड़ी ताकत की.
सिर्फ कल्पना या हकीकत भी?
उपन्यासों, फिल्मों से अलग ड्रग्स माफिया से जुड़ी वास्तविक कहानियां भी समाज को ये बताती हैं कि नार्को अंडरवर्ल्ड के डॉन और दूसरे लोग कितने ताकतवर और रसूखदार रहे. मैक्सिकन माफिया एल चापो की बात हो, या इटली के एन्ड्रांगेटा जैसे ड्रग माफिया की या फिर भारत में चर्चित डॉन दाउद इब्राहीम की, हर वास्तविक कहानी में भी ये डॉन एक किंवदंती के तौर पर सामने आता है.
पॉलीटिकल कॉंटैक्ट्स, संपत्ति, दबदबा, अपनी शर्तों पर जीवन और तमाम अय्याशियों के साथ खूबसूरत महिलाओं का डॉन के जीवन में होना, ये सब वास्तविक है, सिर्फ काल्पनिक कहानियों में नहीं. कुल मिलाकर ड्रग्स एक ज़रिया है, जो ऐसी एक दुनिया की चकाचौंध की तस्वीरें दिखाती है, जो युवाओं के सपनों में होती है.
मनोवैज्ञानिक कारणों की परतें
मार्ले से अलग एक और गायक गेरार्ड वे ने कहा था ‘मैं ड्रग्स नहीं, खुद को तबाह करने का एडिक्ट ज़्यादा था… ये एक बेहद रोमांटिक दुनिया थी’. नशे की दुनिया के साथ मन का एक रोमांस पैदा हो जाना इन कहानियों का एक दूरगामी परिणाम हो सकता है इसलिए सतर्क भी रहने की ज़रूरत है. ये जो छोटी मुश्किलों से घबराकर खुद को तबाह कर लेने की प्रवृत्ति है, ये ड्रग्स और दूसरे अपराधों की तरफ ले जा सकती है.
एक पहलू और है
एक लेखक ने कहा था कि नशा आपके कई फैसलों को जस्टिफाई कर सकता है, जिन्हें आप होश में नहीं कर सकते. ये कहानियां युवाओं के मन में इसलिए भी कायम रह पाती हैं क्योंकि इनमें एक एक्शन थ्रिलर होता है. ऐसे कैरेक्टर होते हैं, जो संघर्ष कर रहे होते हैं, जो युवाओं के प्रतीक बनते हैं. इस पहलू को तवज्जो दें. इन किरदारों के पीछे की साइकी और इन कहानियों के हर कीमत पर व्यवसाय के लक्ष्य को समझना ज़रूरी है.