हाईकोर्ट ने 13 साल की रेप पीड़िता के अबॉर्शन की अनुमति नहीं दी, सरकार उठाए खर्च

अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने 13 वर्षीया दुष्कर्म पीड़ि‍ता को गर्भपात कराने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार को पीड़ि‍ता के परिवार को भोजन और मेडिकल खर्च के लिए एक लाख रुपए देने का निर्देश दिया. लड़की के परिवार ने इसकी अनुमति मांगी थी.

जस्टिस बीएन करिया ने डॉक्टरों की टीम की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद लड़की को गर्भपात कराने की अनुमति देने से मना कर दिया. डॉक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भ्रूण 26 हफ्ते, चार दिन का है और सही देखभाल हो तो भ्रूण के ठीक रहने की संभावना है.

अदालत ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन कानून, 2020 के तहत महिलाओं को 24 हफ्ते तक ही गभर्पात कराने की अनुमति है. हाईकोर्ट ने नर्मदा जिले के राजपिपला में एक चिकित्सा केंद्र के अधिकारियों को पीड़िता का इलाज करने का भी निर्देश दिया.

याचिका के अनुसार, लड़की के साथ एक डॉक्टर ने बलात्कार किया था, जिसके यहां टाइफाइड का इलाज कराने लड़की गई थी. डॉक्टर ने एक पीड़िता को एक इंजेक्शन लगाया था और बेहोश होने के बाद उसके साथ बलात्कार किया था.

पुलिस ने बाद में मामला दर्ज किया और डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया था, लड़की के पिता ने पहली बार हिम्मतनगर सत्र अदालत में बेटी के गर्भावस्था को खत्‍म करने की मांग करते हुए कहा था कि वह बच्चे की देखभाल करने की स्थिति में नहीं है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *