सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में रोज नए रंग देखने को मिल रहे हैं। कोई आंदोलन में शामिल होने के साथ अपनी पढ़ाई में जुटा हुआ है तो किसी ने कसम खाई है कि कानून को रद्द करवाकर ही वह घर लौटेगा। कुछ इसी तरह की सौगंध पंजाब के जिला तरनतारन की रहने वाली महिला किसान रणजीत कौर ने खाई है। उन्होंने प्रतिज्ञा ली है कि जब तक पीएम नरेंद्र मोदी नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेंगे, तब तक वो अपनी नई बहू का चेहरा नहीं देखेंगी।
अमर उजाला से बातचीत में रणजीत कौर ने कहा, नवंबर से ही मैं सिंघु बॉर्डर पर हूं। दिसंबर माह में मेरे पोते की शादी थी। शादी में ले जाने के लिए मेरे बेटे और अन्य घर वाले बॉर्डर पर मुझे लेने भी आए थे। लेकिन मैंने उन्हें साफ मना कर दिया था कि शादी आप परिवार के लोग ही कर लो। मैं यहां से नहीं जाउंगी। इसके बाद परिवार घर लौट गया।
उन्होंने कहा, पोते की शादी हुए करीब एक माह होने जा रहा है। आज तक मैंने अपनी नई पोता बहू से न तो फोन पर बात की है न ही वीडियो कॉल के जरिये देखा है। मैंने प्रतिज्ञा ली है कि जब कानून रद्द नहीं होते तब तक यहीं किसानों के समर्थन में डटी रहूंगी। मोदी सरकार के कानून रद्द करने के बाद ही अपने घर लौटूंगी और अपनी बहू का चेहरा देखूंगी।
कौर ने आगे बताया कि जब गांव के किसान दिल्ली आने की चर्चा कर रहे थे, तब मैंने अपने बड़े भाई से दिल्ली आने की बात कही थी। इसके बाद गांव से बड़ी संख्या में किसानों के जत्थे दिल्ली आने लगे। मैंने घर वालों से गुरुद्वारे जाने का बहाना बनाया और किसानों के जत्थे में शामिल हो गई। बाद में फोन पर परिवार वालों को सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन में शामिल होने की सूचना दी। अब बीच में कभी-कभी घरवाले ही मुझसे मिलने बॉर्डर आ जाते हैं।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान अड़े हुए हैं। वहीं किसान और सरकार के बीच गतिरोध भी बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट के कमेटी वाले फैसले पर भी किसान संगठन संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं।