रायपुर, 23 जनवरी 2021। राजधानी के भाठागांव स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चर्चा में है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हमर अस्पताल योजना से खस्ताहाल अस्पतालों को आधुनिक और प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज पर सर्वसुविधायुक्त कर अपग्रेड कर रही है। यानी अभावों से जूझते, जर्जर भवनों में डॉक्टरों के इंतजार में सरकारी अस्पताल की कहानी अब बीते दिनों की बातें हो चली हैं। शहर के अमलीडीह गोल्डन टावर निवासी विवेक वर्मा पेशे से प्राइवेट बैंक का क्षेत्रीय प्रबंधक है। उनकी पत्नी ने डेढ माह पूर्व एक निजी नर्सिंग होम में बेटे को जन्म दिया। विवेक व शिवानी को एक चार साल की बेटी आत्रीका भी है। विवेक बताते हैं उनके एक मित्र के कहने पर सरकारी अस्पताल में बच्चे के पहले टीकाकरण के लिए बेमन होकर गया सोचा व्यवस्था ठीक नहीं होगी तो लौटकर प्राइवेट अस्पताल में चले जाएंगे। लेकिन, विवेक बताते हैं, भाठागांव शहरी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचते ही ऐसा लगा जैसे कोई प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम में आ गए। “सरकारी अस्पताल को लेकर मन में यह धारणा बनी हुई थी कि यहां टीकाकरण के लिए लाइन में रहना पड़ेगा और साफ-सफाई की व्यवस्था भी नहीं होगी।‘’ लेकिन विवेक वर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि हमर अस्पताल को देखकर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इतना अद्भूत कल्पना से परे लगा, इस तरह का स्वच्छ व सुंदर सरकारी अस्पताल भी हो सकता है। आज राघव भाई का प्रथम टीकाकरण हुआ। अद्भुत अनुभव रहा। स्वास्थ विभाग ने इतनी सुगम और सहज व्यवस्था की है कि आँख में लगा प्राइवेट हॉस्पिटल का चश्मा उतर गया।
Letter to Collectors (1) (1)
अस्पताल पहुंचे एक स्वास्थ्य कर्मी ने पूछा किस लिए आएं हैं। उनको सीधे टीकाकरण कक्ष ले जाकर बच्चे का टीका लगाने में सहयोग कर दिया। विवेक कहते हैं इस तरह की सुविधाएं प्राइवेट बैंकों व संस्थानों में होता हैं। एक बंदा ग्राहक देखते ही समझ जाता है और सीधे उनकी जरुरत के हिसाब से पूछकर संबंधित काउंटर तक ले जाता है। हमर अस्पताल की नर्स का व्यवहार भी काफी सरल व सहज रहा। बच्चे को अच्छी तरह से टीका लगा रही थी जिससे वे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने बताया, यह टीका बच्चे के जन्म के 45 दिनों में लगने वाला पहला टीका था। टीकाकरण कक्ष की स्टॉफ नर्स से वादा किया है अगली बार टीका के लिए भाठागांव अस्पताल ही आएंगे। पहला टीका लगाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में लगभग 3000 रुपए तक खर्च करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, हमर अस्पताल को देखकर पहली बार ऐसा लगा की सरकारी अस्पतालों में थोड़ी सी सुविधाएं मिल जाए तो लोगों को मंहगे इलाज के लिए खर्च करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। अब अपने जान पहचान व दोस्तों को भी सरकारी में इलाज कराने के लिए जरुर प्रेरित करेंगे।
हमर अस्पताल भाठागांव पीएचसी प्रभारी डॉ. किशोर सिंहा ने बताया, राजधानी में भाठागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड करने से यहां मरीजों को सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक 12 घंटे ओपीडी की सुविधाएं मिल रही हैं। हर दिन अस्पताल में लगभग 70 से 80 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। पीएचसी में शहर के आसपास के कई वार्डों शहरी व आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों सहित लगभग 60,000 की आबादी को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। पीएचसी को बेहतर इलाज की सुविधाओं को लेकर चार डॉक्टरों की तैनाती की गई है। प्रभारी चिकित्सक डॉ. सिंहा ने बताया सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य केंद्र में स्टॉफ नर्स, आरएचओ, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नेशियन सहित अन्य स्टॉफ भी पदस्थ किए जा रहे हैं। शासन की योजना के तहत कैशलेस इलाज, अस्पताल में डिलवरी, प्लास्टर, टीकाकरण, परिवार नियोजन, टीबी/एचआईवी जांच, सर्दी-खांसी का इलाज, लेप्रोसी की दवाएं व नशा मुक्ति केंद्र सहित एक्सरे, सोनोग्राफी की सुविधाएं भी शुरु मिलने लगेगी। मरीजों के लिए 6 बिस्तर वाले आईपीडी वार्ड की सुविधाओं में विस्तार के लिए 10 बिस्तर का अतिरिक्त हॉल का निर्माण भी प्रस्तावित है। शहर व गांव के बीच पीएचसी होने का लाभ आसपास के लोगों को मिल रहा है। अस्पताल में महीने में लगभग 20 से अधिक नार्मल डिलवरी भी कराई जा रही है।
राजधानी के तीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों भनपुरी, राजातालाब और भाठागांव के हमर अस्पताल के रूप में उन्नयन के बाद नई सुविधाओं की शुरुआत हो चुकी है। इन केंद्रों में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक ओपीडी संचालित की जा रही है। यहां 42 तरह की जांच की सुविधा और 154 प्रकार की दवाईयों के साथ एक्स-रे और दंत चिकित्सा सेवा भी प्रदान की जाएगी। उल्लेखनीय है कि लोगों को ज्यादा और बेहतर सरकारी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने शहरी स्वास्थ्य केंद्र का हमर अस्पताल के रूप में उन्नयन किया गया है।