दंतेवाड़ा – आजादी के बाद नक्सलगढ़ में पहली बार फहरा तिरंगा

दंतेवाड़ा: इस गणतंत्र दिवस पर उन नक्सल इलाकों में तिरंगा फहराया गया है जहां कभी नक्सलियों का सेफ जोन था. इंद्रावती नदी पार कर पाहुरनार गांव में 70 साल में पहली बार तिरंगा फहराया गया है. पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने नक्सलियों के गढ़ में सरपंच केशव के हाथों तिरंगा फहराया और भारत माता के नारे लगवाएं.

70 साल बाद फहरा तिरंगा

अल सुबह दंतेवाड़ा पुलिस की टीम पाहुरनार पहुंची और गांव में गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया गया. इस अवसर पर पूरा गांव शामिल हुआ. बच्चों ने रैली निकाली. गांव वालों ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. पुरुष, महिलाएं, युवा, बुजुर्ग सभी झंडा वंदन के दौरान मौजूद रहे. भारत माता के नारे के साथ झंडा ऊंचा रहे हमारा के गीत गाए गए. दंतेवाड़ा जिले का पाहुरनार गांव नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता था, नक्सली कभी वहां विकास नहीं चाहते थे, पाहुरनार के सरपंच पोसेराम ने गांव के विकास के लिए कई काम किए और इंद्रावती नदी में पुल बनाने के लिए प्रशासन से मदद भी मांगी, जिसका खामियाजा सरपंच पोसेराम को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा. नक्सलियों ने सरपंच पोसेराम की बेरहमी से हत्या कर दी और उसके परिवार को गांव से निकाल दिया.

सरपंच के बेटे ने फहराया तिरंगा

अब सरपंच पोसेराम का सपना साकार होने जा रहा हैं. इंद्रावती नदी पर प्रशासन की पहल और पुलिस सुरक्षा में पुल बनने जा रहा है. जिससे इंद्रावती नदी पार के गांवों का विकास होगा. गांव वालों ने पोसेराम संरपच के नाम से पुल बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है. क्षेत्र का विकास करने के लिए 2 साल पहले छिदनार करका घाट पर सुरक्षा बलों ने कैम्प खोला.

12वीं पास जवानों की पुलिस में होगी भर्ती

गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने से गांव के लोग काफी उत्साहित दिखे. गांव वालों में अब इलाके के विकास की उम्मीद जगी है. इस वजह से वे काफी खुश नजर आए. पल्लव ने कहा कि गांव के 12वीं पास कर चुके युवाओं के लिए पुलिस में भर्ती का भी विकल्प है. वे अपनी मर्जी से पुलिस में भर्ती होकर अपने क्षेत्र का विकास कर सकते हैं. एसपी ने कहा कि पुल बन जाने से इंद्रावती नदी पार क्षेत्र का विकास तो होगा ही साथ ही चेरपाल हादावाड़ा पर्यटक का केंद्र भी होगा.

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