हम सभी जानते हैं, नौ साल की लंबे रिलेशनशिप के बाद बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम और बिपाशा बासु का रिश्ता एक दिन टूट गया था। इसी तरह बॉलीवुड में लंबी रिलेशनशिप के बाद और भी कई स्टार्स के रिश्ते टूटे हैं। कहा जा सकता है कि जॉन, बिपाशा, अन्य स्टार्स सेलिब्रेटी हैं, बड़े लोग हैं, इनके साथ ऐसा होता रहता है। लेकिन आम लोगों के बीच भी जब कोई रिलेशनिशप बहुत लंबी चलती है, वह भी बिखर जाती है। सवाल यह है, ऐसा होने के पीछे क्या कारण हैं? आखिर क्यों इतने लंबे रिश्ते के बाद दो दिल एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं। अगर कारणों को जान-समझ लिया जाए तो रिश्ते को टूटने से बचाया जा सकता है। युगल प्रेमी अपनी जिंदगी खूबसूरत बना सकते हैं।
जरूरत से ज्यादा एक-दूसरे को जान लेना लंबे रिलेशन के बाद रिश्ता टूटने के पीछे साधारण-सा मनोविज्ञान है, जरूरत से ज्यादा एक-दूसरे को जान लेना। दरअसल, एक-दूसरे के लिए लगाव, प्यार का बड़ा आधार किसी के बारे में कम जानना या बहुत कम जानना भी होता है। वैसे भी महज एक फीसदी लोग ही ऐसे होते हैं, जो समय बीतने के साथ अपने आपको पहले से बेहतर साबित करते हैं। कहने का मतलब है कि जिनसे आप जब पहली बार मिलते हैं, तब वे आपको जितना इंप्रेस करते हैं, अगली मुलाकातों में भी उनका असर बढ़ता रहता है। लेकिन ज्यादातर लोग ऐसे ही होते हैं, जिनसे आप जब पहली बार मिलते हैं तो काफी इंप्रेस होते हैं, लेकिन बाद में जब मिलने का सिलसिला बढ़ता है, तो हमारे दिलो-दिमाग में उनका इंप्रेशन कम होने लगता है। दरअसल, जब हम किसी से पहली बार मिलते हैं, तो उसके तब तक के मेंटल डेवलपमेंट, इंटेलीजेंस परिचित नहीं होते हैं। उनकी थोड़ी भी अच्छाइयां हमें अट्रैक्ट करती हैं। लेकिन जब हम बार-बार उस इंसान से मिलते हैं तो उसकी इंटेलीजेंस की लिमिट हमें पता चल जाती है। इस तरह जिस शख्स के लिए पहली मुलाकात में हमें बहुत अट्रैक्शन होता है, वह धीरे-धीरे कम होने लगता है। कपल्स के लॉन्ग रिलेशन में भी यही बात लागू होती है।
खामियां से रूबरू होना जब लड़का-लड़की एक-दूसरे से पहली बार मिलते हैं, तो उन दोनों को एक-दूसरे की बहुत सारी बातें पसंद आती हैं। एक-दूसरे का एटीट्यूट, एक-दूसरे की समझ, एक-दूसरे का बिहेवियर और जिंदगी को लेकर एक-दूसरे का नजरिया। लेकिन जब धीरे-धीरे रिश्ता आगे बढ़ता है, तो दोनों को एक-दूसरे की तमाम खूबियों के बीच कई खामियां दिखने लगती हैं। यह सिलसिला जब थोड़ा और आगे बढ़ता है तो खूबियां कम हो जाती हैं और खामियों का पता चलना जारी रहता है। एक सिचुएशन ऐसी आती है, जब खामियां ज्यादा दिखने लगती हैं, खूबियां या तो खामियों में बदल चुकी होती हैं या बहुत मामूली बनकर रह जाती हैं। इसका नतीजा होता है, एक-दूसरे के लिए प्यार, अट्रैक्शन की कमी। इससे कपल्स धीरे-धीरे एक-दूसरे से कटने लगते हैं। फिर कई ऐसी बातें, ऐसे मौके सामने आते हैं, जिन पर वे एक-दूसरे से उलझ पड़ते हैं। इस तरह उनका रिश्ता खत्म होने की तरफ बढ़ने लगता है।
लाइफ में बढ़ती मोनोटनी हमारे मनोविज्ञान में ऊब जिंदगी का एक अहम हिस्सा होती है। ऊब हमेशा चीजों के खराब हो जाने से ही नहीं होती, लगातार एक जैसी स्थिति बने रहने से भी एक खास किस्म की ऊब या कहें कि मोनोटनी हमें अपनी गिरफ्त में ले लेती है। इससे हम खुश नहीं रह पाते, चिड़चिड़े हो जाते हैं। इस लेवल पर पहुंचने पर हमें अपने साथी की हर खूबी में खामी नजर आने लगती है। नतीजा होता है- लड़ाई-झगड़े। इस तरह रिश्ते के खत्म होने की शुरुआत होती है। मनी फैक्टर भी बनता है इश्यू शुरू में जब लड़का-लड़की आपस में मिलते हैं, तो पैसों को लेकर दोनों का असल बर्ताव एक-दूसरे को नहीं पता चलता। लड़के आमतौर पर लड़कियों के साथ दोस्ती होने पर शुरू में खूब पैसे खर्च करते हैं, जब रिश्ता पुराना हो जाता है तो वे ऐसा नहीं करते। दरअसल, बहुत खर्च करने के लिए पैसे ही उनके पास नहीं होते। लेकिन लड़की को लगता है कि लड़के का अब उससे मन भर गया है, इसलिए वह उससे कटने की कोशिश कर रहा है। मन में जब इस तरह का कोई थॉट आ जाता है तो फिर कितने ही समझदार कपल्स हों, उनमें फिर रिश्ता टिक नहीं पाता। आखिरकार किसी न किसी मोड़ पर आकर टूट जाता है। इसलिए आमतौर पर लंबे रिलेशनशिप परमानेंट रिलेशन के लिए सही नहीं होते हैं। तो फिर क्या रखें सोच अगर आपको वाकई किसी के साथ जिंदगी बितानी है तो उसे बहुत ज्यादा जानने के फेर में न पड़ें। आपकी ट्यूनिंग एक-दूसरे के साथ अच्छी है तो जितना जल्दी हो रिश्ते को शादी में बदल लें। यह जान लें, ज्यादा लंबी रिलेशनशिप एक दिन ऊबाऊ होकर टूट सकती है।