जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस

आज यानी 30 जनवरी को विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस मनाया जा रहा है. यह रोग के उन्मूलन की आवश्यकता पर बल देता है. यह भेदभाव और कलंक पर भी प्रकाश डालता है जिससे लोग हर दिन समाज में पीड़ित होते हैं. विश्व कुष्ठ दिवस के लिए इस वर्ष का विषय ‘भेदभाव, कलंक और पूर्वाग्रह’ को समाप्त करना’ है. कुष्ठ रोग, जिसे हेन्सन रोग के रूप में भी जाना जाता है, जीवाणु माइकोबैक्टीरियम लप्रे के कारण होने वाला एक अत्यधिक संक्रामक संक्रमण है.

क्या होता है,कुष्ठरोग

कुष्ठरोग एक संक्रामक बैक्टीरियल रोग है.
यह मायकोबैक्टीरियम लेप्रे के कारण होता है.
यह रोग मुख्य रूप से त्वचा, सम्बंधित तंत्रिकाओं तथा आखों को प्रभावित करता है.
भारत सरकार ने इस रोग को समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय कुष्ठरोग निवारण कार्यक्रम शुरू किया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसका उद्देश्य कुष्ठरोग को समाप्त करना तथा कुष्ठरोग से पीड़ित लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करना है. कुष्ठरोग से पीड़ित लोग सामाजिक भेदभाव के कारण अक्सर अवसाद का शिकार हो जाते हैं. इसके इलाज के लिए पीड़ित को मल्टी-ड्रग थेरेपी की आवश्यकता पड़ती है, इस थेरेपी के तहत पीड़ित को 6 माह से एक वर्ष तक दवाइयों का सेवन करना पड़ता है. कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की सहायता तथा इस रोग से पीड़ित लोगों की देखभाल करने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने के बारे में जागरूकता पैदा करना. इस दिवस के अवसर पर संसार भर के लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को सहयोग प्रदान करते हैं तथा कुष्ठ रोग से पीड़ित होने वाले लोगों की सहायता के लिए धन भी इकट्ठा करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *