ट्विटर और फेसबुक को लेकर छिड़ी बहस, क्या मीडिया कंपनियों की तरह काम करने लगे हैं ये प्लेटफॉर्म्स

किसान आंदोलन से संबंधित किए गए कई पोस्ट को ट्विटर द्वारा डिलीट करने के फैसले के बाद कंपनी को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस फैसले के बाद एक बहस छिड़ गई है कि सोशल मीडिया कंपनियां कैसे वर्गीकृत की गई हैं, इन कंपनियों को टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म होना चाहिए था लेकिन अब एल्गोरिथम प्राथमिकता की वजह से जैसे ये कंपनियां संचालन कर रही हैं, तो ये किसी मीडिया कंपनी के संपादकीय फैसलों की तरह ही अपना कंटेंट पेश कर रही हैं।

उदाहरण के तौर पर गुरुवार को ट्विटर ने अभिनेत्री कंगना रनौत के ट्वीट्स डिलीट कर दिए। इस हफ्ते की शुरुआत में कंपनी ने भारत में कुछ अकाउंट्स अस्थायी तौर पर ब्लॉक कर दिए थे। नाम ना बताने की शर्त पर ट्विटर कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमने उन ट्वीटस को डिलीट कर दिया है, जो कंपनी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

टेक प्लेटफॉर्म्स द्वारा बढ़ता हस्तक्षेप
सोशल मीडिया का वर्गीकरण काफी कठिन है क्योंकि अभी इन कंपनियों को किसी संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है। ये कंपनियां सिर्फ इस बात का ही फैसला नहीं करती है कि कौन क्या पोस्ट करेगा, बल्कि इसे भी प्रभावित करती हैं कि कौन-सा कंटेट ज्यादा लाइक्स और शेयर देगा।

फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और कई कंपनियों ने खुद को टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के वर्गीकरण को दो स्तंभों पर आधारित किया है। पहला, जो कंटेट पोस्ट किया जा रहा है, वो उनके द्वारा बनाया गया नहीं है और दूसरा कि वह कोड जिसमें मानव हस्तक्षेप नहीं है, वो ये निर्धारित करता है कि कंटेट कैसे प्रदर्शित होगा।

अमेरिका में कम्यूनिकेशन डिसेंसी कानून की धारा 230 का कहना है कि इंटरनेट कंपनियां इस बात की जिम्मेदारी नहीं लेंगी कि प्लेटफॉर्म पर क्या कंटेट जा रहा है, इस कानून को एक खुले और मुक्त इंटरनेट के लिए आधार माना गया है।

मीडिया और टेक्नोलॉजी की प्रकृति में बदलाव
हालांकि इस बहस में मडिया और संचार और यूजर जेनरेटेड कंटेट के केंद्रीकरण की जिम्मेदारी को भी शामिल करना चाहिए। एक अखबार के लेखकों ने माना कि कोई भी आसानी ये यह तर्क दे सकता है कि मीडिया कंपनियों को समझने के लिए यह आवश्यक और उचित है कि इन प्लेटफॉर्म्स की संरचना और संचालन को पूरी तरह से विकसित किया जाए।

साल 2016 में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कंपनी की व्याख्या पारंपरिक मीडिया कंपनी नहीं के तौर पर की थी, वहीं 2005 में गूगल ने कहा था कि हमने टेक्नोलॉजी कंपनी के तौर पर शुरुआत की थी लेकिन अब सॉफ्टवेयर, टेक्नोलॉजी, इंटरनेट, विज्ञापन और मीडिया कंपनी के तौर पर उभर गए हैं।

 

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