Coronavirus Vaccine News: भारत ने कोरोना वायरस (Covid-19) के खिलाफ जंग के पहले चरण में पड़ोसियों एवं मित्र देशों को कोविड-19 के टीके की 64 लाख खुराक अनुदान सहायता के रूप में उपलब्ध कराई हैं. भारत अब अगले चरण में अफ्रीकी, कैरिकोम, लातिन अमेरिकी और प्रशांत द्वीपीय देशों को टीका भेजेगा. जनवरी के मध्य से अब तक भारत ने 20 से अधिक पड़ोसी एवं मित्र देशों को भेंट एवं वाणिज्यिक आपूर्ति के तहत कोरोना वायरस के टीके की 229 लाख खुराक उपलब्ध कराई हैं.
दुनिया के देशों को भारत द्वारा अनुदान सहायता और वाणिज्यिक आपूर्ति के तहत टीका उपलब्ध कराने के अभियान को ‘टीका मैत्री’ का नाम दिया गया है. इसे टीका कूटनीति भी कहा जा रहा है. भारत में 16 जनवरी को टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ. इसके चार दिन बाद विभिन्न देशों को टीका उपलब्ध कराने के लिए ‘टीका मैत्री’ अभियान की शुरूआत की गई. बीते हफ्तों में भूटान, म्यांमा, नेपाल से लेकर बांग्लादेश, श्रीलंका, मॉरीशस, सेशेल्स तक लाखों की तादाद में भारत में निर्मित टीके पहुंचाये गए हैं.
विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ‘भारत ने कोविड-19 के टीके की 229 लाख खुराक विभिन्न देशों को प्रदान की हैं, जिनमें से 64 लाख खुराक अनुदान सहायता के रूप में और 165 लाख खुराक वाणिज्यिक आपूर्ति के तहत भेजी गई हैं. आने वाले दिनों में टीका अफ्रीकी देशों, लातिन अमेरिका, कैरिकोम और प्रशांत द्वीपीय देशों को भेजा जाएगा.’ विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस घोषणा के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भारत अपना कर्तव्य मानता है. इसके तहत हम अपनी घरेलू जरूरतों का आंकलन करते हुए अपने पड़ोस और इससे इतर अन्य देशों को सबसे पहले टीका उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं
भारत के ‘टीका मैत्री’ अभियान को हिन्द प्रशांत, अफ्रीकी एवं लातिन अमेरिकी देशों में चीन के आर्थिक एवं राजनीतिक प्रभाव के मुकाबले संतुलन स्थापित करने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है. भारत ने भेंट के तौर पर कोरोना वायरस टीके की 64 लाख खुराक पड़ोसी देशों को उपलब्ध करायी हैं. इसमें बांग्लादेश (20 लाख खुराक), म्यांमा (17 लाख खुराक), नेपाल (10 लाख खुराक), भूटान (1.5 लाख खुराक), मालदीव (एक लाख खुराक), मॉरीशस (एक लाख खुराक), सेशेल्स (50,000 खुराक), श्रीलंका (पांच लाख खुराक), बहरीन (एक लाख खुराक), ओमान (एक लाख खुराक), अफगानिस्तान (पांच लाख खुराक), बारबडोस (एक लाख खुराक) और डोमिनिकल रिपब्लिक (20 हजार खुराक) शामिल हैं.
भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने इसे परोपकार का पर्याय बताते हुए कहा कि अपनी आवश्यकता की पूर्ति से पहले ही अनमोल वस्तुएं साझा की जा रही हैं. इससे पहले डोमिनिकल रिपब्लिक के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्कैरिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भावनात्मक पत्र लिखकर कोरोना वायरस रोधी टीका मांगा था. विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत ने वाणिज्यिक आधार पर ब्राजील को टीके की 20 लाख खुराक, मोरक्को को 60 लाख खुराक, बांग्लादेश को 50 लाख खुराक, म्यांमा को 20 लाख खुराक, मिस्र को 50,000 खुराक, अल्जीरिया को 50,000 खुराक, दक्षिण अफ्रीका को 10 लाख खुराक, कुवैत को दो लाख खुराक, यूएई को दो लाख खुराक की आपूर्ति की है.
आगामी हफ्तों में अफ्रीका, लातिन अमेरिका, कैरीकोम, प्रशांत क्षेत्र के देशों समेत अन्य देशों को टीके की आपूर्ति की जाएगी. ‘कैरीकोम’ में 20 कैरेबियाई देश हैं जहां करीब 1.6 करोड़ की आबादी है. ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सेनारो ने टीका मिलने पर आभार प्रकट करते हुए ट्वीट किया जिसमें उन्होंने बजरंग बली द्वारा संजीवनी बूटी के लिये पहाड़ ले जाती तस्वीर साझा की.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में कोविड-19 टीके के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था. अब भारत कनाडा को भी टीके की आपूर्ति करेगा. किसान आंदोलन को लेकर ट्रूडो के बयान के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव की खबरें थीं.
बता दें कि नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यामां सहित कैरेबियाई एवं अफ्रीकी देशों में चीन ने काफी निवेश किया है. उसने विकासशील देशों की टीके की तत्काल जरूरत को पूरा करने का कार्यक्रम भी शुरू किया है. हालांकि कई देशों में उसे आपूर्ति से जुड़े मुद्दों का सामना करना पड़ा है. वहीं, भारत द्वारा भेंट में टीका देने के साथ साथ दूसरे देशों को अनुबंध के मुताबिक टीके की खुराक उपलब्ध करायी जा रही है. भारत में कोविड-19 के मामलों की लगातार घटती संख्या ने भी मोदी सरकार को टीका कूटनीति के लिए कहीं अधिक गुंजाइश दे दी है.