आयुर्वेदिक ‘कोरोनिल’ की प्रमाणिकता पर IMA ने क्यों उठाए सवाल, डॉ हर्षवर्धन की मौजूदगी पर भी बवाल

नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पतंजलि के कोरोनिल का समर्थन करने के लिए सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को निशाने पर लिया. बता दें कि कोरोनिल को कोरोना वायरस के इलाज के उद्देश्य से दोबारा लांच किया गया था, हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पतंजलि के इस दावे पर प्रतिक्रिया दी है. IMA ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की संहिता के मुताबिक, जो प्रत्येक आधुनिक मेडिकल डॉक्टर के लिए बाध्यकारी है, कोई भी डॉक्टर किसी भी दवा को प्रमोट नहीं कर सकता है. हालांकि यह हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य मंत्री, जो स्वयं एक आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर हैं, दवा का प्रचार करते हुए पाए गए.

IMA ने कहा कि देश के स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में बनाई गई एक अवैज्ञानिक दवा का गलत और मनगढ़ंत तरीके से फैलाना, जिसे बाद में WHO ने खारिज कर दिया, पूरे देश का अपमान है. एसोसिएशन ने योगगुरु रामदेव द्वारा संचालित की जाने वाली आयुर्वेदिक दवा फर्म पतंजलि के एक कार्यक्रम में एक चिकित्सक व स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मौजूदगी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की नैतिकता पर सवाल खड़े किए हैं.

एसोसिएशन ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (तत्कालीन MCI) के तहत एक अनुच्छेद का जिक्र किया जो एक चिकित्सक को किसी दवा को प्रमोट करने की इजाजत नहीं देता है. IMA ने कहा कि धारा 6: 1: 1 के तहत, कोई डॉक्टर किसी भी शख्स को किसी दवा के संबंध में अनुमोदन, सिफारिश, समर्थन, प्रमाण पत्र, रिपोर्ट या बयान अपने नाम, दस्तखत के साथ नहीं दे सकता है, चाहे वह मुआवजे के लिए हो या किसी अन्य मकसद के लिए.

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