शराब पर कोरोना शुल्क मामले में घिरी सरकार.. मंत्री कवासी की जगह मंत्री अकबर ने दिया जवाब

छत्तीसगढ़ में देशी और विदेशी शराब पर कोरोना टेक्स के मसले पर सरकार सदन में घिर गई। इस मसले को लेकर विपक्ष ने ज़बर्दस्त हंगामा किया और असंतुष्ट होकर बहिर्गमन कर दिया।विपक्ष ने लिखित जवाब और सदन में दिए जवाब के अंतर का उल्लेख किया।
विपक्ष की ओर से यह प्रश्न अजय चंद्राकर किया –
“कोरोना शुल्क लगाने का उद्देश्य क्या था और कितना खर्च हुआ”
इस पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने राशि संग्रहण का आँकड़ा बताया और उसके बाद प्रश्न फिर से पूछा गया तो आसंदी ने मंत्री मोहम्मद अकबर को निर्देशित किया कि वे इस प्रश्न का जवाब दें।
इस पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया
“शिक्षा स्वास्थ्य पोषण अधोसंरचना पर खर्च करना है .. और राशि अभी व्यय नहीं हुई”
इस पर सदस्य अजय चंद्राकर ने पूछा
“जब यह राशि स्वास्थ्य पोषण शिक्षा में होना था..लिखित जवाब में यह राशि सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत गठित मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन एवं विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत कर व्यय करना है.. ऐसा लिखा है.. यह राशि वहाँ कैसे दी जा रही है”
सदस्य अजय चंद्राकर ने फिर से प्रश्न किया
“कोरोना का पीक दौर गुजर चुका है.. और अब दूसरा स्टेन आ रहा है..राशि स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी गई है.. क्यों ऐसा हुआ”
इस के बाद मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा –
“निर्धारित उद्देश्य के लिए खर्च होगा”
इस के बाद विपक्ष ने फिर सवाल उठाया कि आख़िर यह कोरोना शुल्क का उपयोग सामान्य प्रशासन विभाग कैसे तय करेगा और राशि क्यों नहीं स्वास्थ्य विभाग को दी गई है.. इस सवाल को उठाने के साथ ही विपक्ष ने कोरोना शुल्क में डकैती का आरोप लगाते हुए बहिर्गमन कर दिया।

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