नई दिल्ली. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने जूट पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (Msp Rate of Jute) में बढ़ोतरी की संभावना जताई है. सूत्रों ने सीएनबीसी आवाज़ को बताया कि समिति 6-7% की वृद्धि पर विचार कर रही है.
केंद्र ने फरवरी 2019 में कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 2019-20 सीजन के लिए पिछले सीजन के मुकाबले 3,700 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ा कर 3,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
MSP से जूट के क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की उम्मीद
एक बयान में कहा गया ‘एमएसपी से उत्पादन की औसत लागत भारित अखिल भारतीय पर 55.81 प्रतिशत का लाभ होगा.कच्चे जूट के एमएसपी से किसानों को उचित न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने और जूट की खेती में निवेश और इस तरह देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की उम्मीद है.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से एक महीने से भी कम समय पहले फैसला लिया था. राज्य जूट उत्पादकों का केंद्र है. देश में लगभग 70 जूट मिलें हैं, जिनमें से लगभग 60 पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के दोनों किनारों पर हैं. जूट उत्पादन में अकेले पश्चिम बंगाल में लगभग दो लाख श्रमिक और पूरे देश में चार लाख श्रमिक कार्यरत हैं.