बस्तर की महिलाएं सीख रहीं हैं प्राकृतिक रंगाई का कौशल

हाथकरघा विभाग द्वारा एक मार्च से जिले की महात्मा गांधी बुनकर सहकारी समिति बस्तर में समिति के 10 महिलाओं को आगामी 02 माह तक प्राकृतिक रंगाई का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में सभी प्रकार के वस्त्रों को तैयार करने में एजोडाई (रसायन) युक्त धागों का प्रयोग किया जाता है। प्राकृतिक रंगाई में मुख्यतः ऑल के पेड़ों की छाल का पावडर, गोबर, राख, अरण्डी का तेल आदि पदार्थो का प्रयोग कर सफेद धागों का लाल, कत्था तथा भूरा रंग दिया जाता है। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया 15 से 20 दिनों में पूर्ण होती है, तथा इसमें किसी भी प्रकार का रसायन उपयोग में नहीं लाया जाता है। जहाँ सामान्य सफेद धागों का बाजार मूल्य तीन हजार प्रति बंडल है। वहीं प्राकृति ऑल कलर धागों का बाजार मूल्य 12 से 15 हजार के मध्य जिला हाथकरघा कार्यालय जगदलपुर के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण संचालित हैं तथा जिले के बुनकर समुदाय के संवर्द्ध एवं विकास हेतु प्रतिबद्ध एवं प्रयासरत हैं।

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